मेड इन इंडिया और स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल कर इलेक्ट्रोनिक के क्षेत्र में मिसाल पेश करते हुए   शोभित विश्वविद्यालय के डीन महिपाल सिंह ने एक ऐसा विधुत यंत्र बनाया है, जो रियल टाईम विधुत करेंट को माप कर समय रहते उपोभक्ता को सचेत कर सकता है और उपभोक्ता को किसी भी प्रकार के  नुकसान होने से भी बचा सकता है। इस विधुत यंत्र का नाम “साइनवेव पीक वोल्टेज” है। साइनवेव पीक वोल्टेज मीटर विधुत तार में प्रवाहित करेंट के पीक मान को मापता है। इससे पहले बाजार में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के वोल्टेज मीटर रूट मीन स्क्वायर को मापता है। इस मीटर को लगाने के बाद भी खतरे की संभावना बनी रहती है। लेकिन साइनवेव वोल्टेज मीटर ने अब इस खतरे की संभावना को खत्म कर दिया है। अब सवाल उठता है कि वोल्टेज मीटर आखिर काम कैसे करता है।

दरअसल तारों में प्रवाहित विधत धारा की मापन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। और आज बाजार में उपलब्ध वोल्टेज मीटर रूट मीन स्क्वायर मान को मापते हैं। यह आर.एम.एस मान साइनवेव के एक फूल चक्र के दौरान साइनवेव वोल्टेज का औसत माप शून्य होता है। इसलिए फूल वेव रेक्टिफायर सर्किट का उपयोग कर साइन वेव वोल्टेज के नकारात्मक चक्र को धनात्मक चक्र से परिवर्तित करते हैं। और औसत मान की गणना एक फूल चक्र के लिए की जाती है। लेकिन मीटर के स्केल पर प्रदर्शित वोल्टेज का मान साइनवेव  के आर.एम.एस को दर्शाता है। इस तरह से वोल्टेज मीटर साइनवेव के आरएमएस मान को रीड करते हैं।

अब सवाल ये य़े भी उठता है कि पीक वोल्टेज का क्या महत्व है और ये बीजली से होने वाली दूर्घटना को कैसे रोकने में सक्षम होगा। तो इसका जबाव ये है कि इलेक्ट्रॉनिक टर्मोलॉजी  में पीक वोल्टेज का बड़ा ही महत्व है। बिजली के सभी उपकरण सुचारू रूप से काम करे इसके लिए पीक वोल्टेज की गणना आवश्यक है। अगर पीक वोल्टेज की गणना में कोई दिक्कत होगी तो निसंदेह बिजली के सभी उपकरण फूंक जाएंगे। साइनवेव वोल्टेज मीटर एक अलार्म की तरह काम करता है जो कि उपभोक्ता को समय सहते सचेत करता है और किसी भी नुकसान से बचा लेता है।

साइनवेव पीक वोल्टेज मीटर का निर्माण करने वाले प्रो महिपाल सिंह कहते हैं वोल्टेज मीटर तो पहले से ही बाजार में उपल्बध हैं लेकिन साइनवेव वोल्टेज मीटर मौजूदा टेक्नोलॉजी से पूरी तरह अलग है। और विधुत के एक नए सिद्धान पर आधारित है पूरी दुनिया में आज तक इस आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं हुआ है। इसके निर्माण के लिए हमने सालों काम किया है। इसीलिए प्रो. महिपाल सिंह ने साइनवेव वोल्टेज मीटर के पेंटेंट के लिए भी अप्लाई किया है। उन्हें उम्मीद है कि जल्दी ही इसका पेटेंट मिल जाएगा जिसके बाद वे साइनवेव पीक वोल्टेज मीटर का औद्योगक उत्पादन कर बाजार में लोगों के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराएंगे।

प्रो. महिपाल सिंह को अपने इस आविष्कार पर गर्व है वे कहते है कि साइनवेव पीक वोल्टेज मीटर की टेक्नोलॉजी पूरी तरह से स्वदेशी है। इसका उपयोग पावर हाउस और औद्योगिक केंद्रों के लिए वरदान साबित होगा। जहां काफी संख्या में कर्माचारी काम करते हैं, बीजली के उपकरण मौजूद होते है। उपभोक्ता को समय से पहले सूचित कर शार्ट सर्किट से लगने वाले आग से होने वाली नुकसान से भी बचाएगा। इसमें कोई शक नहीं कि महिपाल सिहं जैस महनती लोगों ने ही आज दुनियाभर में भारत का मान बढ़ाया है। प्रधानमंत्री के नरेद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपनों को साकर कर रहे हैं।

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