देश में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भारत रत्न देने की मांग उठ रही है। राजस्थान के ही कांग्रेस के ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक राजेंद्र सेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। जिसमें अशोक गहलोत को भारत रत्न देने की मांग की गई है। पत्र में लिखा है कि राजस्थान में कोरोना की चुनौती के दौरान राजस्थान का प्रबंधन देश में ही नहीं बल्कि दुनिया में एक नजीर बना है।

PM को लिखे खत में क्या ?

राजेंद्र सेन ने प्रधानमंत्री को जो खत लिखा है उसमें कहा गया है कि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद कोविड-19 हो गए उनकी पत्नी भी बीमार हुई, लेकिन उसके बावजूद राजस्थान में सीएम ने प्रबंधन में कोई कमी नहीं आने दी। स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के बावजूद लगातार मॉनिटरिंग में जुटे रहे। प्रदेश में मुख्यमंत्री ने 300 से अधिक वीसी लेकर प्रदेश की 8 करोड जनता के स्वास्थ्य को लेकर हमेशा सजगता दिखाई है। कोविड की चुनौती के दौरान चिकित्सा प्रबंधन से लेकर आमजन की रोजी रोटी का बेहतरीन प्रबंध किया है। कोरोना के कोहराम के बीच ऑक्सीजन, रेमेडिसिवर दवाइयों की उपलब्धता में कोई कमी नहीं आने दी। चिकित्सकों जनप्रतिनिधियों मंत्रिमंडल के सदस्यों समाजसेवी संस्थाओं सहित सभी वर्गों से लगातार संवाद रहा है। सेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रबंधन महामारी की चुनौती से निपटने के लिए भारत रत्न का सम्मान प्रदान करें।

कोरोना से जुड़ा चौंकाने वाला तथ्य

राजस्थान में जहां कोरोना संक्रमण का प्रभाव जहां बिल्कुल कम होता दिखाई दे रहा है। वहीं कोरोना के विभिन्न वैरिएंट को लेकर राजस्थान में अध्ययन चल रहा है। इसी क्रम में राजस्थान से जुड़ा चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान में डेल्टा के अलावा एक और डबल म्यूटेशन कोविड -19 वेरिएंट पाया गया था। बताया जा रहा है कि जब दूसरी लहर में प्रदेश में डेल्टा औ डेल्टा प्लस वैरिएंट की एंट्री पता चला था, तभी ऐसे पांच केस ऐसे भी थे , जिनमें कप्पा वैरिएंट की पुष्टि हुई है।

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