मध्य प्रदेश उपचुनाव में बयानवीर कमलनाथ ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। मध्य प्रदेश की सियासत में आइटम शब्द ने बवाल मचा रखा है। दरअसल, कमलनाथ की ओर से राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी पर दिए विवादित बयान पर बवाल मच गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा समेत तमाम नेता अलग-अलग शहरों में मौन धरने पर बैठे। इमरती देवी ने कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से कमलनाथ को पार्टी से निकालने की मांग की है, उधर बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि कांग्रेस को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। मध्य प्रदेश के डबरा में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने मंच से कहा, सुरेंद्र राजेश हमारे उम्मीदवार हैं, सरल स्वभाव के सीधे साधे हैं। यह उसके जैसे नहीं है, क्या है उसका नाम? मैं क्या उसका नाम लूं आप तो उसको मुझसे ज्यादा अच्छे से जानते हैं, आपको तो मुझे पहले ही सावधान कर देना चाहिए था, यह क्या आइटम है ।

विवादित कमलनाथ की सफाई

मध्य प्रदेश में अगले महीने 28 सीटों पर उपचुनाव है, वोटिंग में 15 दिन बचे हैं। कमलनाथ इसी चुनाव के आसरे सत्ता में वापसी का सपना देख रहे हैं लेकिन इमरती देवी पर दिए बयान ने इन्हें बैकफुट पर ला दिया है। कमलनाथ अब अपने बयान पर सफाई दे रहे हैं। कमलनाथ ने कहा, शिवराज जी आप कह रहे हैं कमलनाथ ने आइटम कहा। हां मैंने आइटम कहा है क्योंकि यह कोई असम्मानजनक शब्द नहीं है। मैं भी आइटम हूं आप भी आइटम है और इस अर्थ में हम सभी आइटम है। लोकसभा और विधानसभा में कार्यसूची को आइटम नंबर लिखा जाता है, क्या यह असम्मानजनक है? सामने आइए और मुकाबला कीजिए। सहानुभूति और दया बटोरने की कोशिश वही लोग करते हैं जिन्होंने जनता को धोखा दिया हो।

‘आइटम’ पर बीजेपी का मौन धरना

कमलनाथ के बयान के बाद बीजेपी ने बिना वक्त गंवाए कांग्रेस पर चढ़ाई कर दी। शिवराज सिंह चौहान करीब 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक मौन धरने पर बैठे। इस दौरान बीजेपी के कई नेताओं ने प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में धरना दिया। बीजेपी कमलनाथ के विवादित बयान की शिकायत चुनाव आयोग से भी कर चुकी है। मांग की गई है कि कमलनाथ को चुनाव प्रचार से रोका जाए। शिवराज ने कमलनाथ के बयान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि, मेरा अपमान मैं सह लूंगा, लेकिन आज कमलनाथ आपने अन्याय की अति की है, पराकाष्ठा की है। ग्वालियर चंबल की माटी की एक बहन, एक बेटी का अपमान किया है। इमरती देवी गरीब के घर पैदा हुईं। इमरती मजदूरी करके विधायक बनीं और फिर मंत्री बनीं। इमरती देवी एससी जाति में पैदा हुईं, लेकिन किसी गरीब की बेटी का अपमान करने का अधिकार तुम्हें है क्या? शर्म आनी चाहिए। कमलनाथ किसका अपमान कर रहे हो? समझते क्या हो अपने आपको?

शिवराज का सोनिया को खत

शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ के बयान पर सोनिया गांधी को एक खत लिखा है। पत्र में शिवराज सिंह ने लिखा, सोनिया जी आप बहन भी हैं, मां भी और बेटी भी हैं। क्या ऐसी बहन पर टिपण्णी शोभा देती है? क्या आपके नेता और प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दी गई टिपण्णी से आप अवगत नहीं हैं? क्या गरीब बहन की कोई इज्जत नहीं? सोनिया जी मैं आपसे पूछना चाहता हूं, क्या आप ऐसे निर्लज्ज नेता को पार्टी से निकालेंगी, क्या कार्यवाही करेंगी ?

कमलनाथ पर चारों तरफ से हमला

इमरती देवी, उन पूर्व विधायकों में से एक नेता हैं जिन्होंने कुछ महीने पहले कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था। इमरती देवी को ज्योतिरादित्य सिंधिया का कट्टर समर्थक माना जाता है। ज्योतिरादित्य ने भी इस टिप्पणी पर कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि एक गरीब और मजदूर परिवार से आगे आईं दलित नेता इमरती देवी जी को आज डबरा में आइटम और जलेबी कहना अत्यंत निंदनीय और आपत्तिजनक है। ये कमलनाथ जी की मानसिकता को भी दर्शाता है। रविवार रात भोपाल में बोर्ड ऑफिस पर भाजपा ने कमलनाथ का पुतला जलाया। मंत्री इमरती देवी ने कहा कि ये लोग मध्यप्रदेश को जानते नहीं हैं। कहां के हैं, पता नहीं है। इन्हें मध्यप्रदेश में रहने का हक नहीं है। एक मां, बहन बेटी से इस तरह की बात कहना बहुत अपमानजनक है।

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