जम्मू-कश्मीर को धारा 370 से आजादी मिलने के 14 महीने बाद रिहा हुई पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पहली तस्वीर सामने आई है। जिसमें वह अपनी पार्टी पीडीपी के नेताओं के साथ बैठक करती दिखाई दे रही हैं। पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और धारा 35 ए को खत्म करने से ठीक पहले जन सुरक्षा कानून के तहत महबूबा मुफ्ती को नजरबंद किया गया था, मगर मंगलवार को करीब 14 महीने बाद रिहा कर दिया गया। उनकी रिहाई से जम्मू-कश्मीर में सियासी गतिविधियां तेज होने के आसार हैं। अनुच्छेद 370 हटने के दौरान हिरासत और फिर PSA के तहत नजरबंद महबूबा की रिहाई के कई मायने निकाले जा रहे हैं। महबूबा मुफ्ती की पार्टी के नेताओं ने उनसे उनके आवास पर ही मुलाकात की और जम्मू-कश्मीर के लिए संघर्ष का ऐलान किया। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि, दिल्ली दरबार ने गैर कानूनी, गैर लोकतांत्रिक तरीके से हमसे छीन लिया, उसे वापस लेना होगा। साथ ही कश्मीर के मसले को हल करने के लिए जद्दोजहद जारी रखनी होगी, जिसके लिए हजारों लोगों ने अपनी जानें न्योछावर की। यह रास्ता आसान नहीं है, मुझे यकीन है कि हौसले से यह दुश्वार रास्ता भी तय होगा। जम्मू कश्मीर के जितने भी लोग देश की जेलों में बंद हैं, उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए।

मुफ्ती ने किया संघर्ष का ऐलान

मंगलवार की रात रिहाई के बाद महबूबा मुफ्ती ने अपना एक ऑडियो संदेश जारी किया। उन्होंने ट्विटर अकाउंट पर ऑडियो संदेश जारी कर आर्टिकल 370 के प्रावधानों को हटाए जाने को काला फैसला करार दिया और कहा कि कश्मीर का संघर्ष जारी रहेगा। महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर शेयर किए गए ऑडियो संदेश में कहा, मैं आज एक साल से भी ज्यादा समय के बाद रिहा हुई हूं। 5 अगस्त 2019 के उस काले दिन का काला फैसला मेरे दिल और रूह पर हर पल वार करता रहा। मुझे यकीन है कि ऐसी ही स्थिति जम्मू-कश्मीर के लोगों की रही होगी। कोई भी उस दिन की बेइज्जती को भूल नहीं सकता।

कश्मीर की शांति से महबूबा क्यों बेचैन?

5 अगस्त 2019 के दिन कश्मीन को धारा 370 से आजादी मिल गई। लेकिन कश्मीर के कई नेताओं को इससे दिकक्त हुई तो उन्हें गिरफ्तार किया गया और नजरबंद कर लिया गया। 370 के प्रावधानों को हटाने के साथ ही एहतियातन PSA के तहत 444 लोगों को हिरासत में लिया गया था। इनमें से ज्यादातर लोगों को अब रिहा कर दिया गया है। कुछ लोगों को इस शर्त पर रिहाई दी गई कि वह कोई भी राजनीतिक बयान जारी नहीं करेंगे। हिरासत में लिए गए लोगों में मुफ्ती के अलावा घाटी के प्रमुख बड़े नेता उमर अब्दुल्ला और उनके पिता फारूक अब्दुल्ला भी शामिल थे। महबूबा को उनके आधिकारिक आवास फेयरव्यू बंगले में हिरासत में रखा गया था। हिरासत के साथ ही प्रशासन ने इस बंगले को उपजेल घोषित किया था।

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