बंगाल चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं वैसे-वैसे बंगाल का सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। बंगाल में 27 मार्च से विधानसभा चुनाव शुरू होंगे परिणाम 2 मई को आयेगा। ये चुनाव 8 चरणों में होने वाले हैं। बंगाल में वैसे तो कई सारे राजनैतिक दल उतरे हुए हैं। लेकिन असली मुकाबला भाजपा और टीएमसी के बीच देखने को मिल रहा है। इस बीच कभी ममता के सहयोगी रहे शुभेंदु अधिकारी बीजेपी में शामिल होने के बाद दीदी को नंदीग्राम से चुनौती देने के लिए उतरे हुए हैं।

बंगाल की जनता से शुभेंदु अधिकारी का वादा

इस बीच शुभेंदु अधिकारी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, बंगाल में अगर बीजेपी की सरकार बनती है तो वह चिटफंड घोटाले की जांच कराएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, केवल बीजेपी ही चिटफंड का पैसा लौटा सकती है। शुभेंदु अधिकारी ने ये बयान हल्दिया में एक जनसभा के दौरान दिया। इसके साथ ही उन्होंने बंगाल की जनता से बड़ा वादा करते हुए कहा कि, जिन्होंने भी पॉजी स्कीम में पैसा लगाया है, उनके पैसे वापस किए जाएंगे। शुभेंदु अधिकारी के इस बयान से बंगाल का सियासी पारा चढ़ गया है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा की टीएमसी में एंट्री

इसके साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। यशवंत सिन्हा ने 2018 में बीजेपी पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए बीजेपी छोड़ दी थी। अब वह बंगाल में सियासी जमीन तलाशने उतरे हैं। बंगाल में ममता बनर्जी की 10 साल से सरकार है। ऐसे में ममता के सामने अपने 10 साल पुराने किले को बचाने की चुनौती है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी बंगाल में कमल खिलाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकी हुए है। ऐसे में सवाल उठता है कि, बंगाल में सीएम कौन बनेगा?  क्योंकि अपनी-अपनी जीत का दावा तो सभी कर रहे हैं। लेकिन असली पता तो 2 मई को ही विधानसभा चुनावों का परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा।

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आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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