बिहार में जहरीली शराब का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. ये सबकुछ ऐसे समय में हो रहा है जब बिहार में पूर्ण शराबबंदी है. गोपालगंज में 17 और बेतिया में 10 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है, हालांकि अभी इसको लेकर सरकार के स्तर पर कोई कदम नहीं उठाया गया है. गोपालगंज के जिलाधिकारी ने 9 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत की पुष्टी कर दी है. राज्य सरकार का इसपर कोई साफ रुख सामने नहीं आया है.

विजय सिन्हा का बड़ा बयान
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने ट्वीटकर कहा कि, “बिहार में शराब के सेवन से हुई मौतें शासन-प्रशासन के लिए कठिन चुनौती हैं. इसके गुनाहगारों को शीघ्र सलाखों के पीछे पहुंचाना होगा. आइए इस दीपावली पर हम बिहार को नशामुक्त बनाने सहित किसी के घर में अंधेरा नहीं छाने देने का संकल्प लें.”

मंत्री जनक चमार को साजिश की आशंका
बिहार सरकार में मंत्री जमक चमार ने बड़ा बयान देते हुए दावा किया है कि, “पीने वाले और मरने वाले गरीब तबके के लोग होते हैं और छापेमारी में गरीब लोग पकड़े जाते हैं. जांच होगी तो स्पष्ट होगा कि इसके पीछे कौन लोग हैं.”

तेजस्वी यादव का सरकार पर हमला
जहरीली शराब से हुई मौतों पर तेजस्वी यादव ने कहा कि, “मुजफ्फरपुर में पांच दिन पूर्व जहरीली शराब से 10 लोगों की मौत हुई. बुधवार और गुरुवार को गोपालगंज में 20 लोग मरे. इसके अलावा बेतिया में आज 13 लोग की मौत हुई. अधिसंख्य शवों को पुलिस बिना पोस्टमार्टम के जला रही है. इन मौतों के जिम्मेदार क्या शराबबंदी का बेसुरा ढोल पीटने वाले मुख्यमंत्री सह गृहमंत्री नीतीश कुमार नहीं हैं?”

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चिराग पासवान ने भी सरकार को घेरा. उन्होने ट्वीट कर कहा, “बेतिया में जहरीली शराब पीने से हुई मौत की घटना अत्यंत निंदनीय है. मैं ईश्वर से सभी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं. दिवाली के दिन जिनके घरों में मातम छाया है उसका जिम्मेदार कौन है मुख्यमंत्री जी? आखिर और कितनी मौतों का इंतेजार करेंगे आप? बिहार में शराबबंदी पूरी तरह विफल है. यह घटना मुख्यमंत्री जी के शराबबंदी के दावों की पोल खोलती है.”

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