बिहार में विधानसभा चुनाव की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में तरह-तरह की सियासी बयानबाजी भी होने लगी है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के साथ अब अंतराष्ट्रीय मुद्दों की भी बात होने लगी है। बिहार चुनाव में जिन्ना के जिन्न की वापसी हो चुकी है तो वहीं कई ऐसे मुद्दे हैं जिनको लेकर कांग्रेस और भाजपा में तलवारें खिंच गई है. वैसे बिहार की राजनीति में आरोप प्रत्यारोप का दौर हमेशा जारी रहता है लेकिन फिलहाल प्रदेश की राजनाति में उबाल है। दरसल ये पूरा विवाद जाले विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार मस्कुर उस्मानी को लेकर शुरु हुआ है। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस के जाले प्रत्याशी जिन्ना के समर्थक हैं। बीजेपी नेता और सांसद गिरिराज सिंह ने दावा किया है कि उस्मानी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र संघ में रहते हुए जिन्ना की तस्वीर लगाई थी।

सियासी पंडितों का दावा है कि इस मामलें को तुल इसलिए दी जा रही है क्योंकि कांग्रेस ने जाले से ऋषि मिश्रा का टिकट काट दिया था। यहां तक कि मिश्रा ने पार्टी से जिन्नावादी की जगह गांधीवादी को टिकट देने की मांग की थी। इस मामलें पर बोलते हुए कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने गिरिराज सिंह के बयान पर कहा कि भाजपा के बड़े नेता ही जिन्ना के समर्थक हैं। लोकसभा के चुनाव में ऐतिहासिक शहर भोपाल से हिन्दू उग्रवादी संगठन की नेता और मालेगांव कांड की आरोपी प्रज्ञा को उम्मीदवार बनाकर लोकतंत्र के मंदिर लोकसभा में पहुंचाने वाली भाजपा पहले अपनी गिरेबां झांके।

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