पैगंबर मोहम्मद विवाद देश से लेकर दुनिभर में चल रहा हैं। इसी मामले के विवाद को लेकर रांची में 3 दिन पहले हुई हिंसा के बाद यहां प्रेस कॅान्फ्रेंस आयोजित कर रहे जमीयत उलेमा हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन को पुलिस ने ऐसा करने से रोक दिया। रांची के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) नौशाद आलम (Naushad Alam) ने न्यूज एजेंसी को बताया कि कडरू के मदरसा हुसैनिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने का प्रयास कर रहे दिल्ली से आए जमीयत उलेमा हिंद (Jamiat Ulema e Hind) के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन को ऐसा करने से रोक दिया गया। मौलाना हकीमुद्दीन को प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच से ही वहां से हटा दिया गया।

ED ने राहुल गांधी से अबतक पूछे आठ सवाल, यंग इंडिया को लोन देने की वजह भी पूछी

क्या है कॅान्फ्रेंस रोकने की वजह?

एसपी नौशाद आलम और अरगोड़ा के थाना प्रभारी विनोद कुमार ने मौके से मौलाना को उठने के लिए कहा जिसके बाद वो मदरसे से बाहर चले गए। एसपी और थाना प्रभारी ने कहा कि रांची में शांति-व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर धारा 144 लागू है, ऐसे में प्रेस कॉन्फ्रेंस करना कानूनी तौर पर गलत है। रांची में शुक्रवार को हिंसक घटना के बाद यहां माहौल तेजी से सुधर रहा है और स्थिति शांतिपूर्ण है। कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं हैं।

अमन और शांति बनाए रखने की अपील

मौलाना हकीमुद्दीन ने इससे पहले पत्रकारों से बातचीत में घटना में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए सरकार से उचित मुआवजे की मांग की और लोगों से देश भर में अमन और शांति बनाए रखने की अपील की थी। इस हिंसा में 2 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र कुमार झा समेत 11 पुलिसकर्मी तथा कई अन्य लोग घायल हो गए थे, जिनमें आधा दर्जन की हालत गंभीर है। इस मामले में अब तक पुलिस ने एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है और किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

Share.
Exit mobile version