पंजाब में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, उपमुख्यमंत्री सुचिंद्र रंधावा और ओपी सोनी समेत कई वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल हैं। लेकिन एक ऐसा नाम सामने आया है जिसमें कांग्रेस के खेमे को अलविदा कह दिया है। मोगा से कांग्रेस के विधायक हरजोत कमल भाजपा में शामिल हो गए हैं। इसके पीछे बड़ी वजह है। कांग्रेस ने मोगा वोट से मालविका सूद को टिकट दे दिया। लेकिन हरजोत कमल मालविका को टिकट देने के विरोध में थे।

पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में तैयारियां जोरों पर हैं। कांग्रेस ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए आज 86 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है। पंजाब में एक चरण में वोटिंग होगी जिसमें राज्य के सभी 117 सीटों पर मतदान किया जाएगा। मतदान 14 फरवरी को होगा और 10 मार्च को वोटों की गिनती की जाएगी।

हरजोत कमल नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के आवास पर मुलाकात की थी उस दौरान उन्होंने कहा था कि मेरी टिकट अभी पक्की नहीं है लेकिन जब टिकट पक्की हो गई तो उन्होंने हरजोत को साइड कर दिया। इसके बाद मालविका को टिकट दिलवा दी। भाजपा में शामिल होने के बाद हरजोत कमल का कहना है कि जेपी नड्डा से मेरे पारिवारिक संबंध है। जिनके चलते हैं मैं पार्टी में आया हूं। आप मुझे पार्टी में एक ऐसा चेहरा मिल गया है जो पार्टी का बखूबी प्रचार करेगा।

यह भी पढ़े :- UP Assembly Election: BSP ने जारी की 53 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट, यहां देखें किसको कहां से मिली टिकट पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी चमकौर साहिब से चुनाव लड़ेंगे। पंजाब के डिप्टी सीएम सुखविंदर सिंह रंधावा डेरा बाबा नानक सीट से चुनाव लड़ेंगे। अमृतसर से नवजोत सिंह सिद्धू चुनाव लड़ेंगे। सोनू सूद की बहन मालविका सुद मोगा से कांग्रेस की प्रत्याशी होंगी। पंजाब में 117 विधानसभा सीटों में से 34 सीटें आरक्षित हैं। पंजाब में विधानसभा का कार्यकाल 27 मार्च को समाप्त होने जा रहा है। अब पंजाब में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल या गठबंधन को 59 सीटों का आंकड़ा प्राप्त करना होगा।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी चमकौर साहिब से चुनाव लड़ेंगे। पंजाब के डिप्टी सीएम सुखविंदर सिंह रंधावा डेरा बाबा नानक सीट से चुनाव लड़ेंगे। अमृतसर से नवजोत सिंह सिद्धू चुनाव लड़ेंगे। सोनू सूद की बहन मालविका सुद मोगा से कांग्रेस की प्रत्याशी होंगी। पंजाब में 117 विधानसभा सीटों में से 34 सीटें आरक्षित हैं। पंजाब में विधानसभा का कार्यकाल 27 मार्च को समाप्त होने जा रहा है। अब पंजाब में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल या गठबंधन को 59 सीटों का आंकड़ा प्राप्त करना होगा।

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