यूपी में विधानसभा चुनाव पहले किसान संगठनों ने बड़ा फैसला लिया है। किसान संगठन का कहना है कि हम दोबारा से विरोध प्रदर्शन करेंगे। जानकारी के मुताबिक 31 जनवरी को किसान संगठन केंद्र सरकार के खिलाफ विश्वासघात दिवस (Betrayal Day) मनाएंगे। किसान संगठन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 21 जनवरी से तीन-चार दिनों के लिए उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी का दौरा किया जाएगा और प्रभावित किसान परिवारों से मुलाकात भी करेंगे।

बता दें कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के साथ ही अन्य मांगों पर सहमति बनने के बाद पिछले साल 11 दिसंबर 2021 को संयुक्त मोर्चा ने प्रदर्शन समाप्त किया था और अपनी घर वापसी की थी। इसके बाद आज 15 जनवरी को फिर से बैठक कर उनकी मांगों के संबंध में कार्यवाही की समीक्षा का ऐलान किया गया।

भारतीय किसान संघ के नेता युद्धवीर ने कहा कि केंद्र सरकार ने एमएसडी पर कोई समिति नहीं बनाई है और हम से इस बारे में कोई चर्चा भी नहीं की है। इसके अलावा लखीमपुर खीरी में शामिल होने वाले राज्य मंत्री को भी सरकार ने नहीं हटाया है। यदि सरकार हमारी मांगों का जवाब नहीं देगी तो हम 31 जनवरी को विश्वासघात दिवस (Betrayal Day) के रूप में मनाएंगे।

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दिल्ली में चल रही किसान नेताओं की बैठक में फैसला लिया गया कि किसान संगठनों के पंजाब चुनाव लड़ने पर चर्चा होगी। लेकिन कुछ संगठनों का मानना है कि चुनाव लड़ने वाले किसान नेताओं को संयुक्त मोर्चे से बाहर किया जाए। इस बैठक में एक कोर कमेटी ने कई फैसले लिए थे। जिनमें चुनावों में ‘भाजपा के विरोध से बचेगा संयुक्त किसान मोर्चा’ फैसले पर विचार किया।

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अंजलि शर्मा पिछले 2 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अंजलि ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई की है। फिलहाल अंजलि DNP India Hindi वेबसाइट में कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं।

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