बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टियों का एक दूसरे पर तीखा प्रहार करना शुरू हो गया है। मतलब राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो चुकी है। अब परिणाम आने तक जाने-अनजाने में नेता ऐसे बयान देते रहेंगे जो चर्चा का विषय बनते रहेंगे या फिर विवाद का कारण बनेंगे। इसी क्रम में बिहार के उप-मुख्यमंत्री ने ऐसा बयान दिया है जिससे राजद को उन्हें घेरने का मौका मिल गया है। राजद के साथ विपक्षी पार्टियां भी सुशील मोदी पर निशाना साधने में लगी हुई हैं। तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर वीडियो शेयर कर बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी पर हमला बोला है। दरअसल, एक इंटरव्यू के दौरान सुशील मोदी कहते नजर आ रहे हैं कि बिहार की परंपरा रही है कि यहां के लोग बाहर जाकर काम करने में आनंद लेते हैं। उनको अच्छा लगता है। किसी को ज्यादा पैसे कमाने हो या दो जून की रोटी से अधिक कमाना होता है तो वह बाहर जाता ही है। सुशील मोदी के इस वीडियो को शेयर करते हुए RJD ने कहा कि बिहार के लोगों को पलायन करने में मज़ा आता है, रोज़ी रोटी के लिए बिहारी पलायन नहीं करते। इन मानसिक रूप से दिवालिए सज्जन की मानें तो बिहारवासियों को घर परिवार के साथ रहना काटता है। बिहारी मौज-मस्ती के लिए पलायन करते हैं। मजे के लिए ही हजारों किलोमीटर भूखे-प्यासे गर्मी में लौटे। क्या इनसे आप स्थिति सुधारने की उम्मीद लगाए बैठे हैं, जो 15 साल बाद इस बेशर्मी से सच से मुकर जाएं? बिहार के लोगों को पलायन करने में मज़ा आता है! ये मानसिक दिवालिए आजकल आत्मनिर्भर बनने की नसीहत दे रहे हैं! मतलब खोट इनकी सरकार में नहीं, बिहारियों में है जो आत्मनिर्भर नहीं बनते!

RJD ने सुशील मोदी का पुराना बयान ट्वीट कर सवाल पूछे तो विपक्ष के नेताओं ने सुशील मोदी पर निशाना साधना शुरू कर दिया। आरजेडी के विधायक वीरेंद्र ने सुशील कुमार मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि सुशील मोदी तो खुद बिहार के नहीं है ऐसे में वह बिहार के लोगों का दर्द कैसे समझेंगे। उन्होंने आगे कहा कि अगर सुशील मोदी चुनाव लड़ते और जनता के बीच जाते तब तो उन्हें जनता का हाल पता चलता है, पर जो पिछले दरवाजे से सदन में जा कर राजनीति करते हैं तो जनता का दर्द कैसे समझेंगे।

बिहार में चुनाव…तेजस्वी Vs सुशील

अभी कुछ दिन पहले ही तेजस्वी ने 17 सवाल बिहार के सीएम और डिप्टी सीएम से पूछे थे। जिस पर पलटवार करते हुए सुशील कुमार मोदी ने कहा कि, तेजस्वी यादव बेरोजगारी, आईटी पार्क, कल-कारखाने आदि पर जो भी सवाल एनडीए सरकार से पूछ रहे हैं, वे तो सवाल उन्हें अपने माता-पिता से पूछने चाहिए, जिनके कारण बिहार खोखला हो चुका था। क्योंकि जननायक कर्पूरी ठाकुर दो बार मुख्यमंत्री बनने के बावजूद अपना मकान नहीं बनवा सके, क्योंकि उन्हें बिहार की चिंता थी। लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री बनने के बाद हर काम के लिए जमीन लिखवाने लगे। तेजस्वी यादव को पूछना चाहिए कि पार्टी और परिवार ने कर्पूरी जी के आदर्श क्यों नहीं अपनाए?

Share.
Exit mobile version