Sushma Swaraj: सुषमा स्वराज एक ऐसी राजनेता रही है जिनके काम करने के खास अंदाज़ के कारण हाई प्रोफेशनल माना जाने वाला विदेश मंत्रालय भारतीयों का मंत्रालय के नाम से जाना गया। सुषमा स्वराज को सुपरमॉम ऑफ इंडिया भी कहा जाता है। इनकी गिनती उन नेताओं में की जाती है जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अपने भाषण से देश दुनिया में एक अलग पहचान बनाई हैं। सुषमा स्वराज सरहद पार लोगों की मदद करने में आगे रही हैं। आइए जानते हैं सुषमा को ‘सुपर मॉम ऑफ इंडिया’ का नाम क्यों दिया गया।

भारतीयों की मदद

विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज ने यूएन कई अहम मुद्दों को उठाया और मानवीय दृष्टिकोण के कई अनुपम उदाहरण पेश किए। विदेश मंत्रालय भारतीयों के मंत्रालय के नाम से जाना गया जिसका मकसद विदेश में मुश्किलों का सामना कर रहे भारतीयों को बचाना था। पिछले कुछ महीने पहले जब यूक्रेन और रूस के बीच जंग छिड़ी थी तो भारतीयों को सुषमा स्वराज याद आई‌। उन्होंने लिखा कैसे वह एक ट्वीट पर विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए विमान भेज देती थी।

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सुपरमॉम का नाम मिला

प्रधानमंत्री मोदी के पहले कार्यकाल में सुषमा स्वराज में विदेश मंत्री के पद पर रहते हुए देश और दुनिया का दिल जीत लिया। विदेशों में फंसे प्रवासी भारतीयों को मदद पहुंचा कर सुषमा स्वराज ने अपना मानवता का फर्ज निभाया। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कहा था कि अगर आप मंगल ग्रह पर भी फंस गए तो भी भारतीय दूतावास आपकी मदद के लिए आगे आएगा। उनके इस साहस को देखते हुए वाशिंगटन पोस्ट ने उनको सुपरमॉम का नाम दिया। उन्होंने पाकिस्तान, यमन और यूक्रेन में फंसे सभी भारतीयों की सुरक्षित वापसी कराई थी।

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