कोलकाता: पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के किले को धवस्त करने के लिए बीजेपी ने अपना पूरा दमखम लगा दिया है. जिस फॉर्मूले के तहत बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। उसी फॉर्मूले को बीजेपी पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भी लागू करना चाहती है। 2014 को लोकसभा चुनाव में अगर बीजेपी की रणनीति को देखें तो उस दौरान चुनाव में एनआरआई लोगों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही थी। उस दौरान अमेरिका , यूरोप, ऑस्ट्रेलिया समेत फर्स्ट वर्ल्ड देशों में रहने वाले ये लोग भारत के वोटर्स न होने के बावजूद भारतीय वोटर्स को लुभाने में बेहद कारगर हुए थे। इसी रणनीति के तहत इस बार बीजेपी पश्चिम बंगाल के चुनाव में उतरने की तैयारी में है।

NRI लोगों ने बनाया था ब्रांड मोदी:
पीएम मोदी को ब्रांड बनाने में एनआरआई लोगों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। इसके पीछे बीजेपी की सबसे बड़ी रणनीति ये रही कि पार्टी ने दूसरे देशों में रहने वाले लोगों को सबसे पहले अपने पाले में किया फिर पूरी दुनिया में एक सोची समझी राजनीति के तहत “ओपिनियन बिल्डिंग ” का काम किया गया। जानकारों का मानना है कि विदेशी लोगों की राय ने देश में रह रहे लोगों को खूब लुभाया, जिसका फायदा वोट के तौर पर बीजेपी को मिला। इस अभियान के लिए बीजेपी ने सोशल मीडिया को हथियार बनाया और सोशल मीडिया के जरिए भारत में रहने वाले लोगों से संपर्क स्थापित कर बात की गई।

पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने खेला एनआरआई दांव:
2014 लोकसभा चुनाव की तरह बीजेपी बंगाल में रह रहे लोगों को लुभाने की कोशिश कर रही है। बीजेपी जिस रणनीति के तहत बंगाल में काम कर रही है उससे साफ होता है कि इससे पहले बीजेपी ने किसी दूसरे राज्य के चुनाव में इस प्रकार अपना चुनाव अभियान नहीं चलाया है। बीजेपी की तरफ से विदेश में रहने वाले बंगाली समुदाय के लोगों से संपर्क साधने की कोशिश शुरु हो गई है। इसको लेकर पार्टी ने एक प्रोजेक्ट भी शुरू किया गया है. जिसका नाम है ” एनआरआई फ़ॉर सोनार बंगला.”

“ओपिनियन बिल्डिंग ” का काम शुरू करेगी बीजेपी
बीजेपी बंगाल चुनाव में ” एनआरआई फ़ॉर सोनार बंगला.” के तहत “ओपिनियन बिल्डिंग ” का काम शुरु करने वाली है। इसके लिए बीजेपी को समर्थन करने वाले विदेश में रहने वाले बंगाली वोटरों को पहचान कर उनके जरिए मिशन बंगाल को सफल बनाने का काम किया जाएगा

Share.
Exit mobile version