नई दिल्ली: भले ही कोरोना संकट के बीच आईपीएल के मैचों का आयोजन भारत की बजाय यूएई में किया जा रहा है लेकिन इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के लिए एक मुश्किल समाप्त होती है तो दूसरी शुरू हो जाती है। एक समय तो इस बड़े टूर्नामेंट के रद्द होने जैसे हालात हो गए थे लेकिन फिर भी इसके आयोजन पर सहमती बनी. आईपीएल को लेकर टाइटल स्पॉन्सरशिप की परेशानी अभी खत्म ही हुई थी कि एक और परेशानी बोर्ड के सामने आकर खड़ी हो गई। दरसल फ्यूचर ग्रुप (Future Group) ने आईपीएल असोसिएट सेंट्रल स्पॉन्सरशिप (IPL Associate Sponsorship) से हाथ अपने हांथ पीछे खींच लिए हैं। पिछले पांच सालों से फ्यूचर ग्रुप आईपीएल के साथ जुड़ा हुआ था।

फ्यूचर ग्रुप के अलग होने की वजह क्या है
दरसल फ्यूचर ग्रुप के पीछे हटने की बड़ी वजह है स्पॉन्सरशिप के लिए बड़ी रकम चुकाना जिसका भुगतान फ्यूचर ग्रुप नही कर पा रहा था। वही अब बोर्ड फ्यूचर ग्रुप की जगह किसी दूसरे स्पॉन्सर की तलाश कर रही है। इसके पहले आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सर वीवो ने भारत में चीन के खिलाफ बनते माहौल को देखते हुए आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सर से पीछे हटने का फैसला किया था। बीसीसीआई ने फिर इस साल के लिए नीलामी की घोषणा की थी। इस निलामी में ड्रीम 11 को इस साल की टाइटल स्पॉन्सरशिप 222 करोड़ रुपये में दी गई जो वीवो के 440 करोड़ रुपये के काफी कम रही।

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