टोक्यो ओलंपिक की शुरुआत 23 जुलाई से हो रही है।इसका समापन आठ अगस्त को होगा। इसी बीच खबर है भारत के बेटियों पर सारा दारोमदार होगा। टोक्यो ओलंपिक के लिए लगातार दूसरी बार रिकॉर्ड 54 बेटियों ने क्वालिफाई किया है।

इसमें भारत का रिकॉर्ड 118 सदस्य दल भाग लेगा जो रियो ओलंपिक एक ज्यादा है। यही नहीं पहली बार भारतीय खिलाड़ी 18 खेलों में चुनौती पेश करेंगे। इनमें से पांच में दारोमदार बेटियों के कंधों पर होगा। इनमें टेनिस अंकिता सानिया मिर्जा और अंकिता रैना, तलवारबाजी में भवानी देवी, जूडो में सुशीला देवी, जिम्नास्ट में परणीति नायक और वेटलिफ्टिंग मीराबाई चानू शामिल हैं।

पांच साल पहले रियो ओलंपिक में दो बेटियों शटलर पीवी सिंधू ने रजत और पहलवान साक्षी मलिक ने कांस्य ने पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया था। इस बार भी उम्मीद की डोरी बेटियों के हाथ में ही है।

टेनिस में सानिया मिर्जा और अंकिता रैना पर भारतीय उम्मीदों का बोझ होगा। यह दोनों युगल में चुनौती पेश करेंगी। सानिया चौथी बार तो रैना पहली बार ओलंपिक में खेलेंगी।

पिछले 29 वर्षों में यह पहला मौका होगा जब कोई भारतीय पुरुष टेनिस खिलाड़ी ओलंपिक में नहीं होगा। लिएंडर पेस और रमेश कृष्णन के बार्सिलोना में 1992 खेलों में हिस्सा लेने के बाद से हर बार भारत की पुरुष युगल जोड़ी ओलंपिक का हिस्सा थी।पेस इसके बाद काफी समय तक महेश भूपति के साथ खेले। पेस और बोपन्ना रियो ओलंपिक 2016 में उतरे लेकिन यह जोड़ी पहले ही दौर में हार गई थी।

वेटलिफ्टिंग की बात करें तो देश को वेटलिफ्टिंग में एकमात्र पदक कर्णम मल्लेश्वरी ने 2000 सिडनी ओलंपिक में कांस्य के रूप में दिलाया था।मणिपुर की 26 वर्षीय वेटलिफ्टर मीरा दूसरी बार खेलों के महाकुंभ में खेलेंगी।

सबसे बड़ी तलवारबाजी भवानी देवी ओलंपिक के अपने दम पर क्वालिफाई करने वाली देश की पहली तलवारबाज । वह अपने पहले ही ओलंपिक को यादगार बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेंगी। भवानी इटली में तैयारी कर रही हैं और वहीं से सीधे टोक्यो जाएंगी।  

चौथी बार सानिया, मुक्केबाजी मैरीकॉम और डिस्क्रस थ्रोअर सीमा पुनिया चौथी-चौथी बार ओलंपिक में खेलेंगी। वह सर्वाधिक बार इन खेलों में भाग लेने वाली भारतीय महिला एथलीट विल्सन के रिकॉर्ड की बराबरी करेंगी।   

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