क्रिकेट भारत में सिर्फ एक खेल ही नहीं है, बल्कि एस धर्म जैसा है जिसके लिए फैंस जान तक दे देते हैं। भारत में क्रिकेट की दिवानगी इस कदर है कि फैंस क्रिकेटरों को भगवान की तरह पुजते हैं। उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो सचिन तेंदुलकर को The God Of Cricket कहा जाता है।

लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इन क्रिकेटरों को फीस के रूप में कितनी रकम आदा की जाती है? आज हम आपको बताएंगे कि 1983 में कपिल देव की टीम इंडिया को कितनी फिस मिलती थी और आज की टीम टीम इंडिया को किनती फिस मिलती है।

क्रिकेट को जब आप पेशे के रूप में बनाते हैं, तो ये खेल आप पर पैसों की बारिश कर देता है। आजकल इंडियन प्रीमियर लीग से लेकर विज्ञापनों तक कई पहलुओं के कारण खिलाड़ी बहुत पैसा कमाते हैं। लेकिन 1983 में कपिल देव की टीम इंडिया ने कितनी कमाई की थी इसका खुलासा एक क्रिकेटर ने ट्वीट कर के किया है।

मकरंद वैनिंगकर द्वारा ट्वीट किए गए एक पोस्ट में, खेल पत्रकार ने टीमशीट की एक तस्वीर साझा की है।

टीमशीट भारत और पाकिस्तान के बीच 1983 में खेले गए एकदिवसीय प्रदर्शनी मैच से है। जो दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में खेला गया था। इस मुकाबले में पाकिस्तान ने 50 ओवर में 3 विकेट खोकर197 रन बनाए थे। जिसके जवाब में भारत ने 49.3 ओवर में 201 रन बनाकर मैच जीत लिया था। कीर्ति आज़ाद ने 6 चौके और 4 छक्के की मदद से नॉटआउट 71 रन की बेहतरीन पारी खेली थी।

1983 में टीम इंडिया की फीस

बेहतरीन जीत के बाद इस मैच में भारतीय खिलाड़ियों को बीसीसीआई ने 1500 की फीस और 200 रुपए का दैनिक भत्ता मिला था। उस दौरान भारत की पूरी टीम को मैनेजर समेत 3 दिन का कुल भत्ता 600 रुपए और मैच फीस 1500 रुपए दी गई। इस तरह से खिलाड़ियों को कुल मिलाकर 2100 मिले थे।

उन दिनों पैसा काफी सभ्य था, लेकिन यह देखते हुए कि क्रिकेटरों को कितना भुगतान किया जाता है, वर्तमान स्थिति की तुलना में यह राशि मूंगफली के दाने जैसा है। जबकि 1983 में कपिल देव की नेतृत्व में टीम इंडिया ने विश्व कप जीता था।

वर्तमान समय में टीम इंडिया की फीस

दुनिया की सबसे अमीर बोर्ड बीसीसीआई (BCCI) अपने खिलाड़ियों को वार्षिक अनुबंध प्रदान करता है। बीसीसीआई खिलाड़ियों को चार ग्रेड प्रदान करता है। ग्रेड A+, A, B और C जिसके तहत खिलाड़ियों को वार्षिक शुल्क मिलता है। सबसे कम वार्षिक शुल्क (ग्रेड C) 1 करोड़ रुपये है। (ग्रेड A+) की कीमत 7 करोड़ है, (ग्रेड A) को 5 करोड़ है और (ग्रेड B) को 3 करोड़ है।

ग्रेड A+ में पांच खिलाड़ियों को शामिल किया गया है। ये वे खिलाड़ी हैं जो सभी तीनों फ़ॉरमेट खेलते हैं, यानी कप्तान विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन, भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह। वहीं (ग्रेड A) में सात खिलाड़ी शामिल हैं।

वार्षिक शुल्क के अलावा खिलाड़ियों को मैच फीस और पर्याप्त मात्रा में भत्ते मिलते हैं। एकदिवसीय मैच खेलने के लिए प्रत्येक क्रिकेटर को प्रति खेल 6 लाख रुपये मिलते हैं। एक टी 20 अंतरराष्ट्रीय के लिए प्रति मैच 3 लाख रुपये है और टेस्ट मैच खेलने के लिए एक क्रिकेटर को 15 लाख मिलता है।

यहां तक कि घरेलू प्रथम श्रेणी के क्रिकेटरों को भी भुगतान किया जाता है। चार दिवसीय रणजी ट्रॉफी मैच के लिए उन्हें प्रति दिन 35,000 रुपये मिलते हैं। सभी खिलाड़ियों को टीवी कमाई का प्रतिशत भी मिलता है। औसतन, एक घरेलू खिलाड़ी प्रति गेम 3 लाख रुपये से अधिक कमा लेता है।

1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य सुनील वाल्सन ने कहा कि प्रूडेंशियल वर्ल्ड कप जीतने के लिए हर खिलाड़ी को “लगभग 72,000-75,000” मिलते हैं। वालसन ने कहा, “तब कोई पैसा नहीं था। भारत के लिए खेलना एक प्रोत्साहन था।

Share.
Exit mobile version