अब तक की सबसे शक्तिशाली स्पेस ऑब्जर्वेटरी ‘जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप’ (James Webb Space Telescope) दशकों के इंतजार के बाद आखिरकार ब्रह्मांड की गहराइयों में झांकने के लिए तैयार है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हो जाता है तो इस टेलिस्कोप को इसी महीने 22 तारीख को अंतरिक्ष में भेज दिया जाएगा।

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) दुनिया का अब तक का बनाया गया सबसे विशाल, सबसे शक्तिशाली और सबसे चुनौतीपूर्ण स्पेस टेलीस्कोप है। यह इतना बड़ा है कि इसे कागज की चिड़िया की तरह मोड़ कर रॉकेट में रखना पड़ रहा है जिससे वह अंतरिक्ष में भेजा जा सके। एक बार अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद ही उसे खोला जाएगा और अंतरिक्ष के अवलोकनों के लिए तैयार किया जाएगा।

जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप (James Webb Space Telescope) की आंखें यानी गोल्डेन मिरर की चौड़ाई करीब 21.32 फीट है। ये एक तरह के रिफलेक्टर हैं। जो कई षटकोण टुकड़ों को जोड़कर बनाए गए हैं। इसमें ऐसे 18 षटकोण लगे हैं। ये षटकोण बेरिलियम से बने हैं। ये षटकोण बेरिलियम से बने हैं। हर षटकोण के ऊपर 48.2 ग्राम सोने की परत लगाई गई है। ये सारे षटकोण एकसाथ मुड़कर इसे लॉन्च करने वाले रॉकेट के कैप्सूल में फिट हो जाएंगे।

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ऐसी उम्मीद की जा रही है कि जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप (James Webb Space Telescope) की मदद से उन आकाशगंगाओं को भी देखने में मदद मिल सकती है जो कि ब्रह्मांड की शुरुआत के साथ ही बनी थीं। वैज्ञानिकों का कहना है कि जेम्स वेब को इसी उद्देश्य से तैयार किया गया है कि यह ब्रह्मांड की शुरुआती आकाशगंगाओं की खोजबीन करे।

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अंजलि शर्मा पिछले 2 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अंजलि ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई की है। फिलहाल अंजलि DNP India Hindi वेबसाइट में कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं।

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