टेक्नोलॉजी कितने आगे बढ़ निकल चुकी है। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि, अब सिर्फ किसी भी फल की फोटो से ही पता लगाया जा सकता है कि, फल कितना पुराना है? इसे खाना चाहिए या नहीं…आपको इस नये अविष्कार के बारे में जानकर हैरानी तो जरूर हुई होगी। लेकिन इससे ज्यादा हैरानी तो तब होगी, जब आपको पता चलेगा की ये ये अनोखा अविष्कार किसी बड़े देश में नहीं बल्कि हमारे अपने भारत देश में हुआ है।
रिसर्च स्कॉलर डॉ. अनुजा भार्गव ने ‘क्वॉलिटी इवॉल्यूशन ऑफ फ्रूट्स यूजिंग इमेज प्रॉसेसिंग’ पर रिसर्च करते हुए इस अविष्कार में सफलता हासिल की है।डॉ. अनुजा भार्गव इंदिरानगर में रहती हैं और जीएलए यूनिवर्सिटी, मथुरा में रिसर्च स्कॉलर के पद पर तैनात हैं। अपनी मेहनत और लगन से सफलता पाने वाली डॉ. अनुजा भार्गव का शोधपत्र इसी साल इंटरनैशनल जर्नल मल्टीमीडिया टूल्स ऐंड ऐप्लिकेशन स्प्रिंगर और फूड एनालिटिकल मेथड कुछ दिनों ही पहले प्रकाशित हुआ जिसके बारे में उन्होंने पूरे विस्तार से बताया है।


डॉ. अनुजा भार्गव ने आम, केला, सेब, संतरे और एवाकाडो जैसे फलों पर शोध किया है। शोध में सफलता पाने के बाद डॉ. अनुजा का कहना है कि, डिजिटल इमेज प्रॉसेसिंग के बाद कंप्यूटर फल की फोटो खींचकर पूरी जानकारी देगा। उन्होंने बताया कि, इस अविष्कार के जरिए फलों की गुणवत्ता के बारे में ठीक और एक दम सही जानकारी मिल सकेगी। उनका कहना है कि, फलों की प्रॉसेसिंग करने वाली कंपनियों के लिए यह अनुसंधान काफी लाभदायक साबित होगा।इस शोध से समय की काफी बचत होगी। इसके साथ ही लोगों तक ताजे फल पहुंच सकेंगे। डॉ. अनुजा भार्गव को शोध से मिली सफलता की चर्चा हर तरफ हो रही है। भारत की इस बेटी पर सभी को गर्व है।

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आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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