कोरोना महामारी के बीच देश 74वां स्वतंत्रता दिवस बड़ी धूमधाम से मना रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया और इसके बाद देश को संबोधित किया। उन्होंने अपने 86 मिनट के भाषण में आत्मनिर्भर भारत, कोरोना संकट, आतंकवाद, रिफॉर्म, मध्यमवर्ग और कश्मीर का विशेष रूप से जिक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान पर ज्यादा जोर दिया। आत्मनिर्भर भारत का प्रधानमंत्री ने 30 बार जिक्र किया। संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि, आत्मनिर्भर भारत आज हर भारतवासी के मन-मस्तिष्क में छाया हुआ है। ये आज 130 करोड़ देशवासियों के लिए मंत्र बन गया है। कई लोगों ने सुना होगा कि अब 21 साल के हो गए हो, अब पैरों पर खड़े हो जाओ। 20-21 साल में परिवार अपने बच्चों से पैरों पर खड़े होने की अपेक्षा करता है। आज आजादी के इतने साल बाद भारत के लिए भी आत्मनिर्भर बनना जरूरी है। जो परिवार के लिए जरूरी है, वो देश के लिए भी जरूरी है। देश में एन-95 मास्क नहीं बनता था, पीपीई किट नहीं बनती थीं, वेंटिलेटर नहीं बनते थे, अब बनने लगे। संकल्प लें कि 75 साल की तरफ जब हम बढ़ रहे हैं तो वोकल फॉर लोकल का मंत्र अपनाएं।

आत्मनिर्भर किसान

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में किसानों के आत्मनिर्भर पर जोर देते हुए कहा कि, पहली प्राथमिकता आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर किसान है। एक के बाद एक रिफॉर्म्स किसानों के लिए हुए हैं। किसानों को समस्याओं से मुक्त करने का काम हमने किया। आप कपड़ा, साबुन बनाते हैं तो उसे देश में कहीं बेच सकते हैं। देश का किसान न अपनी मर्जी से बेच सकता था, न जहां बेचना चाहता था, वहां बेच सकता था। उसके सारे बंधनों को हमारी सरकार ने खत्म कर दिया है। अब देश का किसान दुनिया के किसी भी कोने में अपनी शर्तों पर उपज बेच सकता है। पिछले दिनों एक लाख करोड़ रुपए एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर भारत सरकार ने आवंटित किए हैं। इससे विश्व बाजार में भारत के किसान की पहुंच बढ़ेगी।

रिफॉर्म्स दुनिया की भारत पर नजर

लाल किले से संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, हमारा देश कैसे-कैसे कमाल करता है और आगे बढ़ता है, इस बात को हम समझ सकते हैं। कौन सोच सकता था कि कभी गरीबों के जन-धन खातों में लाखों-करोड़ों रुपए सीधे ट्रांसफर हो जाएंगे। कौन सोच सकता था कि किसानों की भलाई के लिए कानून में बदलाव हो सकते हैं। कौन सोचता था कि हमारा स्पेस सेक्टर हमारे देश के युवाओं के लिए खोल दिया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति हो, वन नेशन-वन कार्ड की बात हो, वन नेशन-वन ग्रिड की बात हो, वन नेशन-वन टैक्स की बात हो, बैंकरप्सी कोड या बैंकों को मर्ज करने का प्रयास हो, भारत के परिवर्तन के इस कालखंड में रिफॉर्म्स के पैमानों को दुनिया देख रही है।

मध्यमवर्ग मजबूत

अपने 86 मिनट के संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यमवर्ग को मजबूत बनाने की भी बात कही, प्रधानमंत्री ने कहा, भारत का मध्यमवर्ग दुनिया में अपना डंका बजा रहा है। मध्यमवर्ग को जितने अवसर मिलते हैं, वह उतनी बड़ी ताकत के साथ उभरकर सामने आता है। ईज ऑफ लिविंग का सबसे बड़ा फायदा अगर किसी को होगा तो मध्यमवर्ग परिवारों को होगा। हवाई जहाजों की टिकटें सस्ती होना, इंटरनेट मिलना, इन चीजों से मध्यमवर्ग की ताकत बढ़ेगी। उसका सपना अपना घर बनाने का होता है। होम लोन अब सस्ते हैं। उसे छह लाख रुपए तक छूट मिल जाती है। गरीब परिवारों ने पैसे लगाए, लेकिन योजनाएं पूरी नहीं होने से उन्हें घर नहीं मिल रहा था। हमने 25 हजार करोड़ रुपए का फंड इसके लिए बनाया।

आर्थिक रूप से मजबूत हुईं महिलाएं

प्रधानमंत्री ने कहा कि, 40 करोड़ जनधन खातों में से 22 करोड़ खाते महिलाओं के हैं। 25 करोड़ मुद्रा लोन में 70% लोन महिलाओं को दिया गया है। गरीब बहन-बेटियों के बेहतर स्वास्थ्य की चिंता यह सरकार लगातार कर रही है। हमने छह हजार जनऔषधि केंद्रों में हमने एक रुपए में 5 करोड़ से ज्यादा सैनेटरी पैड्स मुहैया कराए हैं। बेटियों की शादी की उम्र के बारे में भी जल्द उचित फैसले लिए जाएंगे।

नई शिक्षा नीति से बढ़ेगा देश

नई शिक्षा नीति पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, आत्मनिर्भर भारत और आधुनिक भारत के निर्माण में देश की शिक्षा का बहुत बड़ा महत्व है। इसी सोच के साथ देश को तीन दशक के बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को देने में हम सफल रहे हैं। ये शिक्षा नीति हमारे बच्चों को जड़ से जोड़ेगी, लेकिन साथ-साथ एक ग्लोबल सिटिजन बनाने का भी सामर्थ्य देगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन पर बल दिया गया है। इससे देश को आगे ले जाने में ताकत मिलेगी। कोरोना काल में ऑनलाइन क्लासेस का कल्चर बन गया है।

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