74वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से देश को संबोधित किया। प्रधानमंत्री के संबोधन में आत्म निर्भर भारत पर जमकर जोर दिया। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आगे आएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनना ही होगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ कुछ महीने पहले तक एन-95 मास्क, पीपीई किट, वेंटिलेटर ये सब हम विदेशों से मंगाते थे। आज इन सभी में भारत न सिर्फ अपनी जरूरतें खुद पूरी कर रहा है, बल्कि दूसरे देशों की मदद के लिए भी आगे आया है। प्रधानमंत्री के संबोधन पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला ने कहा कि, आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल और दूसरे स्वतंत्रता सेनानियों ने रखी थी। अब जब हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं तो यह सवाल पूछना पड़ेगा कि जो सरकार सार्वजनिक उपक्रमों को बेच दे और रेलवे एवं हवाई अड्डों का निजीकरण कर रही हो, वो इस देश की आजादी को सुरक्षित रख पाएगी ? समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि, हर भारतवासी सोच रहा है कि आज आजादी के मायने क्या हैं? क्या हमारी सरकार लोकतंत्र में विश्वास रखती है, जनमत और बहुमत में विश्वास रखती है? इस देश में बोलने, सोचने, कपड़ा पहनने और आजीविका कमाने की आजादी है या कहीं न कहीं इन पर अंकुश लग गया है?

प्रधानमंत्री का आत्मनिर्भर ‘मंत्र’

प्रधानमंत्री मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से आत्मनिर्भर भारत का एक खाका पेश किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, कोरोना वायरस महामारी भी इस संकल्प से देश को नहीं डिगा सकती है। एक समय था, जब देश में हमारी कृषि व्यवस्था बेहद पिछड़ी हुई थी। तब सबसे बड़ी चिंता थी कि देशवासियों का पेट कैसे भरें। आज जब हम सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों का पेट भर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ आयात कम करना ही नहीं बल्कि अपनी क्षमताओं, अपनी क्रिएटिविटी, अपनी स्किल्स को भी बढ़ाना है। आगे प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कौन सोच सकता था कि कभी देश में गरीबों के जनधन खातों में हजारों-लाखों करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर हो पाएंगे, कौन सोच सकता था कि किसानों की भलाई के लिए एपीएमसी अधिनियम में इतने बड़े बदलाव हो जाएंगे। वन नेशन, वन टैक्स, इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड, बैंकों का मर्जर, आज देश की सच्चाई है। प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ के साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ का नारा दिया और ‘राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान’ की घोषणा की। उन्होंने कहा, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। आज दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं। हमें ‘मेक इन इंडिया’ के साथ-साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ के मंत्र को लेकर आगे बढ़ना है. प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बीच भारतीयों ने आत्म-निर्भर होने का संकल्प लिया है और यह केवल शब्द नहीं बल्कि सभी लोगों के लिए मंत्र है।

Share.
Exit mobile version