NEW DELHI: बीते कई सालों से ही प्रकृति का रौद्र रूप असमय देखने को मिल जाता है। मनुष्य ने प्रकृति के साथ इतनी छेड़छाड़ कर दी है कि अब विश्व बरबादी की कगार पर खड़ा है। ग्लेशियर पिघल रहे हैं…कहीं सूखा तो कहीं बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं। अब नासा ने एक डरा देने वाली भविष्यवाणी की है। नासा की एक नई रिसर्च के मुताबिक साल 2030 में चांद के डगमगाने से विनाशकारी बाढ़ आएंगी।

नासा ने अपना नई रिसर्च में यह दावा किया है कि जलवायु परिवर्तन के चलते समुद्र में ज्वार भाटा का दबाव ज्यादा होगा..जिसकी वजह से चांद अपने ही कक्षा में डगमगाएगा…और धरती पर भयंकर बाढ़ आएगी। 2030 में ज्वार भाटा अपनी औसत ऊंचाई से लगभग 2 फीट तक ऊपर पहुंच जाएगा। नासा ने कहा कि यह घटना 2030 के दशक के मध्य में होने की उम्मीद है और समुद्र के बढ़ते स्तर के साथ भयंकर बाढ़ का आशंका है।

नासा ने आगे बताया जलवायु परिवर्तन की वजह से ही पृथ्वी पर अचानक मौसम में बदलाव देखा जाएगा…जिसके कारण कई देशों, विशेषकर संयुक्त राज्य में बाढ़ आ गई है..हालांकि इसकी सबसे बड़ी वजह चांद का अपने ही कक्षा में डगमगाना होगा। बता दें कि ये रिसर्च अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने की है। यह रिसर्च 21 जून को नेचर क्लाइमेट चेंज जर्नल में प्रकाशित हुई थी।

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