इन दिनों नॉर्थ कोरिया खाद की कमी से जूझ रहा है, जिसे देखते हुए नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अपने देश की जनता के लिए नया तुगलकी फरमान जारी कर दिया है। नए तुगलकी फरमान में कहा गया है कि देश का हर एक व्यक्ति को खाद के लिए 200 किलोग्राम मानव अपशिष्ट का योगदान देना होगा।

नए तुगलकी फरमान में किम जोंग उन ने कहा है कि देश का देश का हर एक व्यक्ति को खाद के लिए 200 किलोग्राम मानव अपशिष्ट का योगदान देना होगा। जिसके बाद नॉर्थ कोरिया को उम्मीद है कि इस योगदान पूरे देश में बंपर फसल होगी और भुखमरी ख़त्म हो जयेगी। लेकिन योगदान न करने पर 82 रु./किलो के हिसाब से हर एक व्यक्ति को जुर्माना चुकाना होगा।

भुखमरी के कगार पर किम जोंग उन का नॉर्थ कोरिया
नॉर्थ कोरिया में तानाशाह किम जोंग उन की सरकार अपने खेतों में खाद की कमी होने की वज़ह से अब इंसान के अपशिष्ट का इस्तेमाल करने जा रही है। नार्थ कोरिया के इस फ़ैसले के पीछे का सबसे बड़ा कारण चीन है। दरअसल, नॉर्थ कोरिया केमिकल फर्टिलाइजर्स और यूरिया के लिए पूरे तरीक़े से चीन पर निर्भर करता है। नार्थ कोरिया के पास खेती के लिए जरूरी मशीनरी और इक्विपमेंट तक नहीं है। कोरोना महामारी की वजह से पिछले दो साल से सभी देशों के बॉर्डर भी सील है। इसकी वज़ह से नार्थ कोरिया अपने देश में यूरिया इंपोर्ट नहीं का पा रहा है। बाकी कसर पिछले कुछ सालों में आए बेमौसम बाढ़ और तूफान ने पूरी कर दी। इसके चलते अनाज का उत्पादन हर साल गिरता गया। इन्ही वजहों से नॉर्थ कोरिया की 2.58 करोड़ आबादी के बड़े हिस्से में भुखमरी की नौबत आ चुकी है।

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मालूम हो कि बीते साल नार्थ कोरिया में भुखमरी देखी गयी थी। इसके बाद तानाशाह किम जोंग ने जनता को कम खाना खाने का आदेश दे दिया था। नार्थ कोरिया में बीते साल 40 लाख टन से भी कम अनाज हुआ था। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस देश को पेट भरने के लिए 52 लाख टन अनाज की जरूरत है। यानी नार्थ कोरिया में मांग से 21% कम अनाज पैदा हो रहा है।

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