इमरान खान दावा तो करते हैं कि, पाकिस्तान में सब लोगों को अपना-अपना मजहब निभाने की आजादी है…मंदिरों पर किसी तरह कोई पाबंदी नहीं है। लेकिन जो तस्वीरें सामने आई हैं इस बात का सबूत हैं कि उनका ये दावा झूठा है। इमरान खान बार-बार कहते हैं कि पश्चिमी देश इस्लाम को बदनाम करने में लगे हैं। वेस्टर्न कंट्री में पैगंबर साहब का अपमान करके मुस्लमानों को भड़काया जा रहा है। इमरान दावा करते हैं वो दुनिया में अमन के चियर लीडर बनेंगे। दुनिया को दिखाएंगे कैसे पाकिस्तान में सभी धर्मों का सम्मान होता है। लेकिन यह तस्वीरें जो पाकिस्तान के कराची से सामने आई हैं, पाकिस्तान के वजीर-ए-आलम इमरान खान को गलत साबित कर रही हैं। ये तस्वीरें परेशान करने वाली हैं। कराची में एक पुराने हिंदू मंदिर को तोड़ दिया गया। मंदिर में रखी देवी-देवताओं की मूर्तियों को जमीन में गिराकर खंडित कर दिया गया।

फ्रांस का बदला पाकिस्तानी हिंदुओं से क्यों ?

पाकिस्तान में हिन्दुओं पर लगातार अत्याचार जारी है और यह सब इसलिए हुआ। क्योंकि फ्रांस में पैगंबर साहब का कार्टून बनाने पर विवाद हो रहा है। हिंसा हो रही है, और हिंसा करने वालों के खिलाफ फ्रांस की सरकार एक्शन ले रही है। इससे पाकिस्तान के मुस्लमान नाराज हैं और बदला पाकिस्तान में बचे गिने चुने हिन्दुओं से लिया जा रहा है। कराची में कट्टरपंथियों की भीड़ ने प्राचीन मंदिर में तोड़फोड़ की, मंदिर में रखी भगवान शिव और भगवान गणेश की मूर्तियों को खंडित कर दिया। मंदिर में लगी देवी-देवताओं की तस्वीर फाड़ दी। मंदिर में तोड़फोड़ पूरी साजिश के तहत की गई। भीड़ ने पहले इसी इलाके में फ्रांस में हुई घटना को लेकर प्रदर्शन किया। उसके बाद कुछ लोगों ने एक हिंदू बच्चे पर ईशनिंदा का आरोप लगा दिया और भीड़ को उकसाने लगे। थोड़ी देर के बाद तोड़फोड़ शुरु हो गई। भीड़ ने मंदिर पर हमला बोल दिया। इस घटना के बाद कराची में रहने वाले हिन्दू डरे हुए हैं हालांकि बात फैली तो कराची में रहने वाले बाकी हिंदू भी इकट्ठा हुए और मंदिर में तोड़फोड़ के विरोध में प्रदर्शन किया।

फ्रांस पर हंगामा…पाकिस्तान पर चुप्पी क्यों ?

फ्रांस में पैगंबर साहब के कार्टून से भड़की हिंसा की आग पूरे देश में सुलगी हुई है। लेकिन पाकिस्तान में हिन्दू मंदिरों पर हो रहे अत्याचार पर सब चुप हैं। हिंदुओं के साथ अधर्म पर खामोशी कई सवालों को जन्म देती है। पाकिस्तान में हिंदुओं पर जुर्म की, मंदिरों को तोड़ने की ये अकेली घटना नहीं है। पिछले तीन हफ्तों में मंदिर तोड़े जाने की यह तीसरी घटना है। हर बार होता वो ही है, कुछ लोग आते हैं और इस्लाम के तौहिन का इल्जाम लगाते हैं। भीड़ जुटाने के बाद मंदिरों पर हमला कर देते हैं। तो इन घटनाओं से साफ है ना’पाक’  वजीर-ए-आलम इमरान खान के सारे दावे झूठे हैं। पाकिस्तान में हिन्दुओं की आवाज को दबाया जाता है। हिन्दु ना खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर सकते हैं और ना ही अपना दर्द किसी को बता सकते हैं और फ्रांस पर हंगामा करने वाले, पाकिस्तान पर चुप्प बैठे हैं।

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