आखिरकार लंबे इंतजार के बाद रुस ने कोरोना वायरस महामारी के वैक्सीन को लेकर खुशखबरी दी तो पूरी दुनिया खुशी से झुमने लगी, लेकिन यह खुशी ज्यादा देर तक नही रही। कई देश रुस के इस दावे पर अब सवाल उठाने लगे हैं। दरसल रूस का दावा है कि उसने कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार कर ली है। इस वैक्सीन का नाम स्पूतनिक-V रखा गया है। रुस द्वारा निर्मित इस वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर भी सरकार ने मजूरी दे दी है। वही इस दावे को लेकर संदेह के नजर से भी देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि इस वैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल अभी पूरा ही नहीं हुआ है। इसके दूसरे फेज के परिणाम सार्वजनिक भी नही किए गए, इसलिए यह संदेह के घेरे में है।

मंगलवार को रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घोषणा किया की उनके देश यानी की रुस ने कोरोना वायरस का पहला टीका विकसित कर लिया है जो कोरोना से निपटने में सक्षम है और ‘एक स्थायी रोग प्रतिरोधक क्षमता’ का निर्माण करता है। इसके साथ रुसी राष्ट्रपति ने कहा की इस टीके का सबसे पहले प्रयोग उनकी बेटी के उपर किया गया है। वही रुस के इस दावे को लेकर अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों का मानना है कि वैक्सीन के ट्रायल की प्रक्रिया सही नही है, रुस ने जिस प्रकार कोरोना के वैक्सीन का दावा किया वो बेहद गलत है। वही जहां पिछले सप्ताह डब्लूएचओ ने रूस के द्वारा कोरोना वैक्सीन को लेकर जल्दबाजी किए जाने को लेकर चेतावनी जारी की गई थी, तो वही अब कोई देश रुस के वैक्सीन वाले दावे पर विश्वास नही कर रहा है।

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