यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए एक कॉरिडोर बन रहा है। भारत में रूस के राजदूत ने इसकी जानकारी दी कि रूस के खारकीव में एक भारतीय छात्र की मौत का दुख है और छात्र की मौत की जांच की जाएगी। रूसी राजदूत ने एक ब्रीफिंग में कहा कि रूस को उम्मीद है कि जल्द ही गलियारे से भारतीयों को रूसी इलाके में लाने की कोशिश जारी है।
रूसी राजदूत और का कहना है कि रूस जल्द से जल्द अपने सैन्य अभियान को रोकने का इरादा रखता है। क्योंकि युद्ध की स्थिति दोनों देशों के लिए ही खतरनाक है। मंगलवार को 21 वर्षीय में मेडिकल छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौड होने पर पीएम मोदी ने जल्द ही उसके शव को भारत लाने का आश्वासन दिया था। इसके अलावा भारत सरकार यूक्रेन के खारकीव, शमी और दूसरे इलाकों में फंसे 4 हजार भारतीयों को निकालने की कोशिश कर रही है।
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भारत ने रूस और यूक्रेन दोनों देशों के बीच अपने नागरिकों को यूक्रेन से निकालने के लिए सुरक्षित रास्ते की मांग की है। रूस ने भारतीय छात्र के प्रति अपनी सहानुभूति दिखाई है और कहा है कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए उनकी सुरक्षा के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा रूस भारतीय छात्र की दुखद मृत्यु की भी जांच करेगा।
रूसी राजदूत ने यूक्रेन के हमले को लेकर अपने पक्ष को दोहराते हुए कहा है कि रूस यूक्रेन के नागरिकों से नहीं लड़ रहा है। रूस केवल रिहायशी इलाकों बुनियादी ढांचे को निशाना नहीं बना रहा है। राजदूत ने संयुक्त राष्ट्रीय संघ में यूक्रेन संकट पर भारत के निष्पक्ष और संतुलित रूप की सराहना करते हुए धन्यवाद किया है।
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