Russia-Ukraine: रूस और यूक्रेन हस्ताक्षर पूरी दुनिया पर मंडरा रहे संकट को से बचा लिया है। आपको बता दे कि रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते पूरी दुनिया को खाद्य संकट से जूझना पड़ रहा है। इस संकट से बचने के लिए दोनों देशों ‘मिरर’ सौदों पर हस्ताक्षर किए है। इस डील में कीव को काला सागर के रास्ते अनाज के एक्सपोर्ट को फिर से शुरू करने की अनुमति रहेगी।

इस समझौते के कारण लाखों टन अनाज निर्यात किया जा सकेगा, जो वर्तमान में युद्ध के कारण यूक्रेन में फंसा हुआ है। रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद से दुनिया में अनाज की कमी नजर आने लगी जिसका असर बड़े पैमाने पर दिखने के अनुमान थे।

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शुक्रवार को किया समझौता

रूस और यूक्रेन ने शुक्रवार को तुर्की और USA के साथ अलग-अलग समझौते किए। इस डील ने लाखों टन यूक्रेनी अनाज और रूसी फूड और फर्टिलाइजर के एक्सपोर्ट का रास्ता साफ कर दिया। रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने पहले मॉस्को के समझौते पर हस्ताक्षर किए, उसके बाद यूक्रेन के बुनियादी ढांचे के मंत्री ऑलेक्ज़ेंडर कुब्राकोव ने कीव के समझौते पर हस्ताक्षर किए।

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ब्रेड और पास्ता महंगे

इस्तांबुल में एक समन्वय और निगरानी केंद्र स्थापित किया जाएगा, जिसमे यूएन, तुर्की, रूसी और यूक्रेनी अधिकारी होंगे। यह समझौता 120 दिनों तक चलने के लिए तैयार है। यूक्रेन के अनाज की नाकाबंदी के कारण दुनिया भर में खाद्य संकट पैदा दिया था। इस खाद्य संकट के कारण ब्रेड और पास्ता जैसे उत्पाद अधिक महंगे हो गए हैं। आपको बता दे कि यूक्रेन आमतौर पर दुनिया का चौथा सबसे बड़ा अनाज निर्यातक है. यह आम तौर पर दुनिया के सूरजमुखी तेल का 42%, मक्का का 16% और गेहूं का 9% उत्पादन करता है।

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अंजलि शर्मा पिछले 2 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अंजलि ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई की है। फिलहाल अंजलि DNP India Hindi वेबसाइट में कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं।

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