S JaiShankar: यूक्रेन जंग के बीच यूरोप के दौरे पर स्‍लोवाकिया पहुंचे भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस से तेल लेने और गेहूं के निर्यात पर बैन लगाने को लेकर हो रहे दुष्‍प्रचार पर यूरोप को बुरी तरह धो डाला।

जयशंकर ने रूस से गैस का आयात कर रहे यूरोपीय देशों की पोल खोलते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि क्‍या रूस से गैस खरीदना युद्ध के लिए पैसे देना है। उन्‍होंने सवाल किया कि यह केवल भारतीय पैसा है जो युद्ध को फंड कर रहा है, यूरोप को आ रही गैस युद्ध को बढ़ावा नहीं दे रही है। उन्‍होंने कहा कि भारत के चीन के साथ बहुत चुनौतीपूर्ण रिश्‍ते हैं लेकिन यूरोप ने इस पर चुप्‍पी साध रखी है।

गेहूं निर्यात पर लगे बैन को लेकर हो रहे दुष्‍प्रचार पर भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि भारत ने इस साल अब तक 23 देशों को गेहूं का निर्यात किया है। जयशंकर ने सवाल किया कि क्‍यों अमेरिका व यूरोपीय देश ईरान के तेल को बाजार में नहीं आने दे रहे हैं, वे क्‍यों वेनेजुएला को बाजार में अपना तेल नहीं बेचने दे रहे?

उन्‍होंने कहा कि अमेरिका और यूरोप ने हमारे पास तेल के जो भी स्रोत हैं, उसे निचोड़ लिया है और कह रहे हैं कि ठीक है दोस्‍तो बाजार नहीं जाते हैं और हमारे पास बाजार की सबसे अच्‍छी डील है। मैं नहीं समझता हूं कि यह एक ठीक रवैया है।’

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भारत और चीन तनाव पर यूरोप ने चुप्‍पी साधे रखी: जयशंकर
विदेश मंत्री ने कहा कि यूरोप ने एशिया की समस्‍याओं पर चुप्‍पी साधे रखी। भारत और चीन के संबंध बुरे दौर में हैं लेकिन यूरोप ने कुछ नहीं कहा। यूरोप का विकास इस तरह से हुआ है कि यूरोप की समस्‍या दुनिया की समस्‍या है लेकिन दुनिया की समस्‍या यूरोप की समस्‍या नहीं मानी जाती है। उन्‍होंने कहा कि यूरोप के बाहर बहुत सी चीजें हो रही हैं। दुनिया बदल रही है और नए खिलाड़ी आ रहे हैं। दुनिया यूरो केंद्र‍ित नहीं रह सकती। जयशंकर ने कहा कि हमारे चीन के साथ संबंध बुरे दौर में हैं लेकिन हम इसे संभालने में पूरी तरह से सक्षम हैं।

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