Sri Lanka Crisis: भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका (Sri Lanka) इस वक्त बेहद ही खराब आर्थिक हालात (economic situation) से गुजर रहा है। श्रीलंका में आजादी के बाद से अब बहुत भयावह हालात बने हुए है। ऐसे में श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति (acting President) रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने देश में तत्काल प्रभाव से आपातकाल (emergency) का ऐलान कर दिया है।

कार्यवाहक राष्ट्रपति ने जारी किया आदेश

कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है। वहीं, आपको बता दें कि श्रीलंका में 20 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होंगे। ऐसें में राष्ट्रपति चुनाव से ऐन पहले पूरे देश में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है। गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद यह पद खाली है।

ये भी पढ़ें: America Firing: एक महीने में दूसरी बार गोलाबारी की घटना को दिया अंजाम, अंधाधुंध फायरिंग में 4 लोगों की मौत

सार्वजनिक सुरक्षा अध्यादेश के अनुसार

आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में राष्ट्रपति को सार्वजनिक सुरक्षा अध्यादेश के भाग दो में आपातकालीन नियम लागू करने का अधिकार है। इसके अनुसार यदि राष्ट्रपति की राय है कि पुलिस किसी स्थिति से निपटने में असक्षम है तो वे आपातकाल लागू कर सेना को तैनात करने का आदेश दे सकते हैं। इसका मतलब यह है कि सुरक्षा बलों को हथियारों और विस्फोटकों की तलाशी लेने, संदिग्धों को गिरफ्तार करने, खदेड़ने और परिसरों या व्यक्तियों की तलाशी लेने का अधिकार है।

गोटबाया राजपक्षे की बढ़ी मुश्किलें

उधर, दूसरी तरफ, पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। दरअसल, श्रीलंका छोड़कर सिंगापुर में रह रहे गोटबाया को सिंगापुर सरकार ने देश छोड़ने को कहा है। सरकार ने अपने आदेश में कहा कि गोटबाया को सिंगापुर में 15 दिन की मिली छूट को और अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता है।

दरअसल, राजपक्षे बुधवार को श्रीलंका से भागकर पहले मालदीव पहुंचे थे और फिर वहां से सिंगापुर पहुंच गए. लेकिन माना जा रहा है कि राजपक्षे की मंजिल सिंगापुर नहीं है। सिंगापुर उनके लिए महज ट्रांजिट प्वाइंट है, गोटाबाया का इरादा वहां से सऊदी अरब रवाना होना है।

जनआंदोलन को हुए 101 दिन

वहीं, श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति पद को खत्म करके व्यवस्था में पूर्ण बदलाव लाने तक अपना संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया है। श्रीलंका में जनआंदोलन का सोमवार को 101वां दिन है, जिसके कारण गोटबाया राजपक्षे को राष्ट्रपति पद से हटना पड़ा। सरकार विरोधी प्रदर्शन नौ अप्रैल को राष्ट्रपति कार्यालय के पास शुरू हुआ था और बिना किसी रुकावट के जारी है। गौरतलब है कि श्रीलंका इससे पहले भी कई बार आपातकाल का दंश भोग चुका है। 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद 1958 में देश में पहली बार आपातकाल लगा था।

ये भी पढ़ें: Facebook New Feature: अब एक अकाउंट पर बना सकेंगे 5 प्रोफाइल, फेसबुक ला रहा है ये कमाल का फीचर

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो पर सकते हैं।

Share.

अमित महाजन DNP India Hindi में कंटेंट राइटर की पोस्ट पर काम कर रहे हैं.अमित ने सिंघानिया विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म में डिप्लोमा किया है. DNP India Hindi में वह राजनीति, बिजनेस, ऑटो और टेक बीट पर काफी समय से लिख रहे हैं. वह 3 सालों से कंटेंट की फील्ड में काम कर रहे हैं.

Exit mobile version