कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया भयंकर आर्थिक संकट से गुजर रही है. महामारी की मार से फिलहाल कोई राहत मिलती नजर नही आ रही है। दुनिया के लगभग सभी देशों में आर्थिक संकट परेशान कर रहा है ऐसे में बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां जा रही है। इस संकट से मिडिल ईस्ट भी अछूता नही है। यहां के ज्यादातर देशों की हालत बेहद खराब हो गई है. संकट की इस घड़ी में कुवैत एक नया कानून लेकर आ रहा है। इस नए कानून का सबसे ज्यादा असर भारतीय लोगों पर होने वाली है। करीब आठ लाख से ज्यादा भारतीय बेरोजगारी की कगार पर हैं। दरसल कुवैत अपने देश के अंदर बेरोजगारी खत्म करने के लिए यह कदम उठा रहा है।

कुवैत के सरकारी अखबार के मुताबिक देश की राष्ट्रीय सभा प्रवासी मजदूरों की संख्या अब सीमित करना चाहती है. इसके लिए सरकार ने खास मसौदा तैयार किया है जिसे छह महीने के भीतर लागू कर दिया जाएगा। इसके तहत वीजा मान्यता रद्द करने का प्रस्ताव लाया जा सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार कुवैत 60 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों को वर्क वीजा नही देगा। कुवैत प्रवासियों की संख्या कम करने के लिए कई स्तरों पर काम कर रहा है। भारत के अलावा इस फैसले से पाकिस्तान, फिलीपींस, बांग्लादेश, श्रीलंका और मिस्र के लोग भी प्रभावित होंगे

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