WHO: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 50 देशों से अधिक देशों में मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे के बीच अलर्ट जारी किया है। डब्ल्यूएचओ ने अपनी आपातकालीन समिति में कहा कि के कई पहलू असामान्य नजर आए। और माना कि मंकीपॉक्स के खतरों पर वर्षों से गौर नहीं किया। समिति ने कहा कि मंकीपॉक्स कुछ अफ्रीकी देशों में अब महामारी नहीं रह गया है। इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति घोषित करने की आवश्यकता नहीं हैं।‌

‘आपातकालीन की स्थिति’ नहीं घोषित करनी चाहिए

WHO के बयान के मुताबिक कुछ सदस्यों ने अलग-अलग विचार व्यक्त किए हैं। समिति ने डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक को सर्वसम्मति से यह सुझाव देने का निर्णय लिया कि मंकीपॉक्स के इस स्तर पर ‘वैश्विक आपातकालीन की स्थिति’ नहीं घोषित करना चाहिए। अभी हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स के खतरे को देखते हुए इसे महामारी घोषित किया था। समिति ने कहा कि प्रकोप पर करीबी नजर रखने और कुछ हफ्तों के बाद स्थिति की समीक्षा किए जाने की आवश्यकता है।

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कमजोर प्रतिरक्षा वालों पर प्रभावी

वही डब्ल्यूएचओ के प्रमुख का कहना है कि वर्तमान फिर को विशेष रुप से नए देशों और क्षेत्रों में तेजी से फैल रहा हैं। संवेदनशील आबादी के बीच इसके प्रसार का जोखिम बड़े गया हैं। जिसमें कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोग, गर्भवती महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। मंकीपॉक्स के कारण मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में दशकों से लोग संक्रमित हुए हैं लेकिन पिछले महीने तक एक ही समय में कई देशों में और प्रभावित मुल्कों की यात्रा ना करने वालों में इस संक्रमण के मामले सामने नहीं आए।

मंकीपॉक्स के बीच डब्ल्यूएचओ ने प्रकोप की “आपातकालीन प्रकृति” की तरफ इशारा किया और कहा कि इसके प्रसार को नियंत्रित करने के लिए तेजी से कदम उठाने की जरूरत है। जिन देशों में पहले ही मंकीपॉक्स के मामले हैं वहां फिर से स्थिति का मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।

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अंजलि शर्मा पिछले 2 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अंजलि ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई की है। फिलहाल अंजलि DNP India Hindi वेबसाइट में कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं।

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