नई दिल्ली/ भारतीय संस्कृति कई गुप्त रहस्य और चमत्कारों को अपने अंदर समेटे हुए है. यह सारे मर्म अपनी अपनी गाथाओं और महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं. सबकी अलग अलग मान्यताएं है. यह आस्था, विश्वास और श्रद्धा प्राचीन समय से चलती आ रही हैं. भारत में ऐसा कुंड है जो देखने में तो साधारण लगता है, लेकिन इसकी खासियत के बारे में जानकर आप चौंक जाएंगे.

भीम कुंड की मान्यता

यह रहस्यमयी भीम कुंड मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से 70 किलोमीटर दूर बाजना गांव में स्थित है. इस कुंड की मान्यता के बारे में कहा जाता है कि जब पांडव अज्ञातवास में थे और वो अपना रास्ता भटक गए थे. जब भीम ने अपने गदा से मारकर यहां कुंड बनाया जिसके कारण यहां पानी आ गया. लोगों का कहना है कि यह कुंड का आकार बिल्कुल गदा जैसा ही है. वहीं यह कुंड देखने में 40-80 मीटर चौड़ा है. इस कुंड को नील कुंड और नादर कुंड के नाम से भी जाना जाता है.

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प्राकृतिक आपद आने पर देता है संकेत

यह कुंड देखने में तो बिल्कुल साधारण सा लगता है, लेकिन इसकी खासियत आपको हैरान कर देगी. इस कुंड के बारे में कहा जाता है कि जब भी एशियाई महाद्वीप में कोई प्राकृतिक आपका (बाढ़, तूफान, सुनामी) घटने वाली होती है, कुंड के पानी का स्तर खूब बढ़ने लगता है. नोएडा और गुजरात में आए भूकंप के दौरान भी यहां जलस्तर बढ़ा था. सुनामी के दौरान तो यह जलस्तर 15 फीट ऊपर तक आ गया था. इसलिए स्थानीय लोग यहां प्राकृतिक आपदा की आशंका पहले ही लगा लेते हैं.

कभी कम नहीं होता जलस्तर

देखने में बिल्कुल सामानय लगने वाले भीमकुंड की एक खासियत यह भी है कि भरपूर उपयोग के बाद भी इस कुंड का पानी कभी कम नहीं होता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार यहां वाटर पंप लगाकर भी कुंड को खाली करने की कोशिश की गई लेकिन पानी का लेवल कम नहीं हुआ. वैज्ञानिक शोध के दौरान यह भी नहीं पता लगा पाए कि आखिर लगातार इसमें पानी कहां से आ रहा है. इतना ही भी इसका जल हमेशा साफ और स्वच्छ रहता है. इसमें काफी गहराई तक की चीजें साफ दिखती हैं और जब सूर्य की रोशनी इस कुंड पर आती है तब बहुत ही मनमोहक दृश्य दिखता है.

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कोई नहीं नाप सका कुंड की गहराई

भीमकुंड की गहराई नापने के लिए इसमें कई बार गोताखोरी भी कराई गई लेकिन हर बार गोताखोर इसमें नाकाम साबित होते हैं. कोई भी गोताखोर आज तक इस रहस्यमयी कुंड की तली तो छू नहीं पाया है. एक नामी रिसर्च चैनल की टीम ने भी एक बार अपनी टीम को यहां भेज कर शोध कराना चाहा लेकिन शोधकर्ताओं की टीम इसकी गहराई नहीं पता कर पाई.

यहां का नजारा मन मोह लेता है

भीम कुंड एक गुफा में स्थित है. जब आप सीढ़ियों से अंदर कुंड की तरफ जाते हैं, तो यहां पर कुंड के चारों तरफ पत्थर ही पत्‍थर दिखाई देते हैं. यहां लाइट भी कम होती है, लेकिन यहां का नजारा हर किसी का मन मोह लेता है. भीम कुंड के ठीक ऊपर बड़ा-सा कटाव है, जिससे सूर्य की किरणें कुंड के पानी पर पड़ती हैं. सूर्य की किरणों से इस जल में अनेक इंद्रधनुष उभर आते हैं.

महाभारत काल से भी जुड़ी है भीमकुंड की कहानी

भीमकुंढ की कहानी महाभारत काल से भी जुड़ी हुई है. चारों ओर से कई प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियों और वृक्षों से आ’छादित भीमकुंड के बारे में कहा जाता है कि यह भीम के गदा के प्रहार से अस्तित्व में आया था. जनश्रुतियों के अनुसार अज्ञातवास के समय जंगल में विचरण के समय द्रोपदी को प्यास लगी तो उन्होंने भीम से पानी लाने को कहा. भीम ने वहां एक स्थान पर अपनी गदा से पूरी ताकत से प्रहार किया तो वहां पाताली कुंड निर्मित हुआ और अथाह जल राशि नजर आई जिसके बाद से इसका नाम भीमकुंड हो गया.

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