अगर आपसे ये कहा जाए कि अपने मरने से पहले आप ये जान सकेंगे कि आपकी मृत्यु होने वाली है तो आपको कैसा लगेगा? थोड़ा अजीब लगेगा ना! साल 2010 में रितिक रोशन और ऐश्वर्या राय की फिल्म आई थी जिसका नाम था गुजारिश। गुजारिश फिल्म में यह दिखाया गया था कि हृतिक रोशन को एक बीमारी थी जिसकी वजह से उनकी जीने की उम्मीदें खत्म हो चुकी थी। कहने का तात्पर्य यह है कि जब इंसान को पहले से पता चल जाता है कि उसकी मौत होने वाली है तब उसे मनचाही मृत्यु कहते हैं, जिसे साइंस की भाषा में “यूथनेशिया” कहते हैं। डॉक्टर फिलीप निश्के ने पहली बार इस डेथ मशीन का डेब्यू करवाया था तब यह मशीन उन लोगों के लिए थी जो कि मौत के बारे में पहले से जान सकते थे लेकिन अब इसमें ये फीचर जुड़ गया है जिससे यह पता चल सकता है कि जिससे इंसान अपनी होने वाली मौत को भी देख सकता है। इस वर्चुअल रियलिटी तकनीक के अंतर्गत कृत्रिम चीजों को बिल्कुल रियल तरीके से तैयार किया जाता है। इस वर्चुअल रियलिटी के जरिए इंसान अपनी खुद की मौत को देख सकता है यह थोड़ी सी विचित्र बात लगती है लेकिन यह सत्य है। इन डॉक्टर ने 90 के दशक के समय कुछ मरीजों को एक इंजेक्शन दिया था जिससे यह पता चल गया था कि वह मरीजों कभी ठीक नहीं हो सकते हैं क्योंकि उनकी जिंदगी खत्म होने वाली थी। डॉक्टर फिलीप निश्के ने कानून के अनुसार उन मरीजों को मौत दी थी। तभी से इन डॉक्टर के दिमाग में ये आइडिया आया था कि एक ऐसी मशीन का निर्माण किया जाए जिससे कोई भी इंसान अपने आने वाली मौत को देख सके। तब डॉक्टर ने फैसला किया कि जिंदगी और मौत बहुत ही बेहतरीन होनी चाहिए क्योंकि जिंदगी एक बार मिलती है और मौत भी एक बार मिलती है। क्यों ना मौत को गर्व से देखा जाए और अपनी मौत को कुबूल किया जाए। तो इन डॉक्टर ने उसके बाद सारको नाम की मशीन पर काम करना शुरू किया और सारको नाम की वेबसाइट के अनुसार जब कोई भी इंसान इस मशीन के अंदर अपने आपको इंटर करता है तब उस इंसान के अंदर की ऑक्सीजन की मात्रा धीरे-धीरे कम होने लगती है और कार्बन डाइऑक्साइड भी उसी जगह रुक जाती है इससे इंसान अपनी मौत को देख सकता है और यह मौत उसकी जिंदगी में होने वाली खुशी से ज्यादा बेहतर होती है, ऐसा डॉक्टर द्वारा कहा गया है।

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