पटना के प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे में खलबली तब मच गई जब पता चला की एक डॉक्टर ने कोरोना के 5 टीके लगवा लिए है। 5 टीके लगवाने वाली इस डॉक्टर की पहचान तब सामने आई जब कोविन पोर्टल इनकी दो सर्टिफिकेट जारी हुई। इस डॉक्टर का नाम विभा सिंह है और ये सिविल सर्जन है।

इस बारे में जिले के डीएम ने सविल सर्जन से जानकारी मांगी तो सविल सर्जन ने इसे बेबुनियाद बता दिया जिसके बाद डीएम ने जांच के आदेश दिया। सवाल पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ. विभा सिंह ने कहा कि “एक डॉक्टर की तो छोड़ दें किसी भी स्तर का स्वास्थ्यकर्मी भी इस तरह का कृत्य नहीं करेगा। किसी ने जानबूझकर मुझे बदनाम करने की साजिश की है। यह गड़बड़ी कैसे हुई, इसकी जांच की जाएगी। जो भी इसके लिए दोषी पाए जाएंगे, उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

सिविल सर्जन ने आगे कहा कि “कोविन पोर्टल की तकनीकी खामियों का फायदा उठाकर किसी ने यह शरारत की है। इसका झूठा सर्टिफिकेट भी कोविन पोर्टल पर अपलोड कर लिया गया है।” लेकिन गौर करने वाली बात है कि, कोविन पोर्टल पर वैक्सीन लेने के साथ पैन कार्ड की कॉपी अपलोड हो जाए, ऐसा होना मुश्किल है। सिविल सर्जन इस खबर को फैलाने के पीछे कार्यालय के किसी कर्मी की मिलीभगत होने की संभावना जताई है।

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पैन कार्ड से 2 और आधार कार्ड से 3 डोज लेने के सर्टिफिकेट आए सामने
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर पांच बार टीका लेने की खबर दिनभर वायरल होती रही। प्रमाणपत्र में आठ दिन के अंतराल पर दूसरा डोज लेने की बात कही गई है। पैन कार्ड से पहले प्रमाणपत्र में सिविल सर्जन को 28 जनवरी 2021 को पहला और 17 जून को दूसरा टीका लेने की बात कही गई है। आधार कार्ड से दूसरे प्रमाणपत्र में 6 फरवरी 2021 को पहला, 12 मार्च को दूसरा और 13 जनवरी 2022 को बूस्टर डोज दर्शाया गया है। सिविल सर्जन ने कहा कि शुरुआती दौर में जब 28 दिन का अंतर दो डोज के बीच में लेना अनिवार्य था तो ऐसे में कोई आठ दिन में कैसे यह डोज ले सकता है। उन्होंने अन्य लोगों से भी भारत सरकार के गाइडलाइन के मुताबिक ही कोरोना टीके का डोज लेने की अपील की।

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