कहने को तो दुनिया गोल है। लेकिन कभी-कभी हमारे सामने कुछ ऐसी चीजें आ जाती है। जिन पर यकीन करना बेहद मुश्किल होता है। तभी तो हम आपके लिए दुनिया के कुछ अजीब और विचित्र रहस्य लेकर आते रहते हैं।आज हम आपको जिस अजीब जानकारी से रूबरू करवाने जा रहे हैं। उसे जानकर आपका मन भी इसी स्थान पर जाने का करेगा और आपकी उत्सुकता गई गुना बढ़ जाएगी। तो चलिए आपके दिल की बेचैनी को ज्यादा न बढ़ाते हुए एक ऐसे देश के बारे में बताते हैं। जहां पर केले के पत्तों को ही करेंसी माना जाता है। जी हां ये वो ही केले के पत्ते हैं। जिनको भारत में पूजा के साथ -साथ भोजन थाल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और इसके फल यानि की केले को बड़े ही चाव से खाया जाता है।
अब आप सोच रहे होंगे आखिर कोई देश केले के पत्तों की करेंसी क्यों बनाएगा। तो चलिए आपके अंदर उठ रहे हर सवाल के जवाब को जानते हैं।
ग्रीन लैंड के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा द्वीप माने जाने वाले ट्रोबिएंड आईलैंड के लोग केले के सूखे पत्तों को अपनी करेंसी मानते हैं। यहां पचास पत्तियां एक यूरो के बराबर होती हैं और ये इसी से ही सभी तरह के लेनदेन करते हैं। इन्होंने अपनी आर्थिक नीति को कुछ इस तरह से बैलेंस किया हुआ है कि, केले के सुखे पत्तों को ये लोग पैसे मानते हैं। सालों से इसी तरह से ये करते भी आ रहे हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि, ट्रोब्रिएंडर्स के लिए बच्चे पैदा होना किसी चमत्कार से कम नहीं है। इनका सेक्स और प्रेग्नेंसी से कोई लेना-देना नहीं है। इतना ही नहीं, ये लोग अपनी मर्जी के हिसाब से बीवियां भी बदल लेते हैं। जिसकी वजह से इन्हें अपने बच्चों से कोई खास लगाव नहीं होता है। यही कारण है कि, यहां जब भी कोई बच्चा पैदा होता है। उसे किसी चमत्कार से कम नहीं समझा जाता है। ये लोग बंधन मुक्त जीवन जाते हैं।
इतना ही नहीं जब यहां के लोगों के बीच कोई झगड़ा हो जाता है तो ये लोग क्रिकेट के जरिए अपने विवाद को निबटाते हैं। जो देखने और सुनने में काफी हैरान कर देने वाला लगता है।