NEW DELHI: बीते हफ्ते से सोशल मीडिया पर ओलंपिक एंटी-सेक्स बेड की खबर तेजी से वायरल हो रही है। हर कोई इस खबर पर अपना रिएक्शन दे रहा है। खबर में दावा किया जा रहा है कि जापान के टोक्यो ओलंपिक में COVID-19 मामलों में तेजी के कारण सामाजिक दूरी बनाए रखने के विचार को बढ़ावा दे रहे हैं जिसके लिए खेलगांव छोड़ने के बाद ही एथलीटों को कंडोम देने का फैसला किया है और वे एक ‘सेक्स-विरोधी’ बेड लेकर आए हैं जो एथलीटों को अंतरंग होने से रोकेगा। सोशल मीडिया पर इस खबर के वायरल होते ही बवाल मच गया।

टोक्यो ओलंपिक विलेज में लगाए जाने वाले बेड कार्डबोर्ड से बने होंगे, इसका उद्देश्य एथलीटों के बीच अंतरंगता से बचना है,” यूएस डिस्टेंस रनर पॉल चेलिमो ने शनिवार को बेड की एक तस्वीर शेयर कर इस बात की जानकारी दी थी। रिपोर्ट में दावा किया कि महामारी के बीच अंतरंगता को रोकने के लिए बेड्स को  जानबूझकर कमजोर बनाया गया ताकि  एक से ज्यादा लोगों के वजन से बेड गिर जाए। वहीं टोक्यो ओलंपिक ने  भी मजे लेते हुए इस बात की पुष्टि की है कि कार्डबोर्ड बेड “मजबूत”हैं इनका परीक्षण आयरिश जिमनास्ट राइस मैक्लेनाघन ने किया है।  सोशल मीडिया यूजर मैक्लेनाघन ने ट्वीटर पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा-बेड्स सेक्स विरोधी होने के लिए होते हैं….इन बेड्स को कार्डबोर्ड से बनाया है…लेकिन ये अचानक टूट जाएंगे…इस बात में कोई सच्चाई नहीं है..ये खबर एकदम फेक है। यह भी पढ़े होमो सैपियंस को लेकर वैज्ञानिकों का बड़ा खुलासा, आज का इंसान 100 फीसदी होमो सैपियंस नहीं

https://twitter.com/Paulchelimo/status/1416240846039523331

इतना ही नहीं ओलंपिक के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट ने ट्वीटर कर आयरिश जिमनास्ट राइस मैक्लेनाघन को थैंक यू कहा..उन्होंने लिखा- सोशल मीडिया पर फैले इस भ्रम को खत्म करने के लिए शुक्रिया। गौरतलब है कि  सोशल मीडिया पर मॉड्यूलर बेड फ्रेम की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। ये बेड्स जापानी कंपनी एयरवेव द्वारा बनाई गई हैं और इनको रिसाइकिल करना बहुत आसान होगा। ऐसा पहली बार है जब ओलंपिक में बेड्स रिसाइकल सामग्री से बना हो।  

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