बढ़ती महंगाई से परेशान आम आदमी को एक और झटका लगा है। शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने कर्मचारी भविष्य निधि (EPFO) के डिपॉजिट पर 8.1 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दे दी है। मार्च में 2021-22 के वित्तीय वर्ष (Financial Year) के लिए सरकारी भविष्य निधि के ब्याज दर को 8.5 प्रतिशत से घटाकर 8.1 प्रतिशत कर गई थी। 

पीएफ पर मिलने वाला ब्याज दर अभी पिछले 43 सालों के सबसे निचले स्तर पर है। बताया जा रहा है कि पीएफ पर मिलने वाला ब्याज दर दिसंबर से पहले ही क्रेडिट किया जा सकता है, क्योंकि पीएफ पर मिलने वाला ब्याज अभी कम है। अब वित्त मंत्रालय से मंजूरी के बाद कभी भी ईपीएफओ के मेंबर्स के पीएफ खाते में ब्याज क्रेडिट किया जा सकता है।

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43 सालों के सबसे निचले स्तर पर ब्याज दर

अभी पीएफ पर मिलने वाला ब्याज दर पिछले 43 साल के सबसे निचले स्तर पर है। ईपीएफओ 2021-22 के लिए पीएफ की ब्याज की दर 8.5 से घटाकर 8.1 प्रतिशत कर दिया गया है। यह 1977-78 के बाद पीएफ पर मिलने वाला सबसे कम ब्याज दर है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में पीएफ की ब्याज दरें 8.5 प्रतिशत थी। उसे पहले 2019-20 में पीएफ की ब्याज का दर को 8.65 से घटाकर 8.5 प्रतिशत कर दिया गया था।

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यहां इन्वेस्ट होता है आपके पीएफ का पैसा 

ईपीएफओ आपके पीएफ के पैसे को कई जगह इन्वेस्ट करता है। उस इन्वेस्टमेंट से होने वाली कमाई के एक हिस्से को ब्याज के रूम में खाताधारकों को दिया जाता है। ईपीएफओ अभी पीएफ की 85 प्रतिशत हिस्सा डेट (Debt) ऑप्शन में इन्वेस्ट करता है। जिसमें सरकारी सिक्योरिटी और बॉन्ड (Bond) शामिल होते हैं। बाकी के 15 प्रतिशत हिस्से को ईटीएफ (ETF) में लगाया जाता है। डेट और इक्विटी से हुई कमाई के आधार पर पीएफ का ब्याज दर तय होता है। 

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