इस साल कुदरत अपने रौद्र रूप में है । पहले कोरोना का खौफ और अब कई जगहों पर शुरू हो चुकी बारिश से नदियों का बढ़ता जलस्तर से लोगों के पसीने छूटने शुरू हो गए हैं । नदियों में बढ़ते पानी को देखकर नदी के किनारे बसे लोगों को बाढ़ का भय सताने लगा है । तो दूसरी तरफ कुदरत की दोहरी मार से निपटने के लिए सरकार ने कमर कस ली है । बढ़ते जलस्तर को लेकर शुक्रवार को ग्रह मंत्रालय में एक बैठक हुई । बैठक की अध्यक्षता भारत के गृह मंत्री अमित शाह ( Home Minister Amit Shah) ने की , जिसमे मॉनसून और बाढ़ से निपटने के लिए मंथन किया गया। बैठक में कई सरकारी एजेंसियों के साथ आपदा प्रबंधन एजेंसियों (Disaster management agencies) ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने बाढ़ का प्रभाव कम करने और जानमाल का कम से कम नुकसान के लिए योजना बनाने पर जोर दिए ,साथ ही अमित शाह ने एक स्थायी व्यवस्था बनाने के लिए संबंधित एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल बनाने के भी निर्देश दिए ।

हर साल भयंकर बारिश भारी तबाही मचाती है और सबसे अधिक यूपी और बिहार में बाढ़ का तांडव देखने को मिलता है । जिसे लेकर गृह मंत्री अमित शाह ( Home Minister Amit Shah) ने अधिकारियों को स्थाई समाधान निकालने के लिए कार्रवाई के आदेश दिए। तो दूसरी तरफ बैठक में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के सचिव ने बाढ़ संबंधित जानकारी दी। अधिकारियों ने बांध, जलाशय, नेपाल में चल रही परियोजनाओं, बाढ़ सुरक्षा उपायों और गंगा तथा ब्रह्मपुत्र बेसिन में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के उपायों के बारे में बताया । लोग बढ़ते जलस्तर को देखकर सहमें हुए हैं ।आने वाले दिन और भारी पड़ने वाले हैं क्यों की तेज बारिश और बाढ़ के बाद जिंदगी पानी पानी हो जाती है । लोग बेघर हो जाते हैं ।कई लोगों को अपनी जान गवानी पड़ती है। खाने के लाले पड़ जाते हैं । और जहां तक नजर पहुंचती है वहां तक सिर्फ पानी ही पानी दिखाई देता है। इस साल कोरोना काल में मॉनसून की तस्वीरें और भी डरावनी होने वाली है । दूसरी तरफ सरकार बाढ़ की विनाशलीला को रोकने के लिए अधिकारियों को शख्त निर्देश दे रही है । अब देखना ये होगा धरातल पर अधिकारी सरकार के निर्देशों का कितना पालन करते हैं या हर साल की तरह इस साल भी मॉनसून का मंजर भयावह ही रहता है ।

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