पश्चिम बंगाल में ममता बेनर्जी को चुनावों से पहले एक और बड़ा सियासी झटका लग गया है। शांतिपुर से विधायक और टीएमसी नेता अरिंदम भट्टाचार्य ने ममता का साथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है। बंगाल में विधानसभा चुनावों में कुछ ही समय बचा है। जिसकी वजह है बंगाल का सियासी पारा चढ़ा हुआ है।जहां एक तरफ भाजपा के सामने बंगाल को फतेह करके अपनी जीत को बरकरार रखने की चुनौती है तो वही दूसरी तरफ ममता के सामने अपने किले को बचाने की चुनौती है। ऐसे में ममता की पार्टी के नेताओं का इस तरह से टूट-टूटकर अन्य पार्टियों में जाना बड़ी मुश्किल खड़ा कर रहा है।

अरिंदम भट्टाचार्या का सियासी सफर

शांतिपुर से विधायक और टीएमसी नेता अरिंदम भट्टाचार्य का भाजपा में जाना ममता के लिये अब तक सबसे बड़ा नुकसान माना जा रहा है।अरिंदम भट्टाचार्य को आज बंगाल भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने नई दिल्ली में भाजपा की सदस्यता दिलायी है।आपको बता दें, भट्टाचार्य कांग्रेस के टिकट पर 2016 में चुनाव जीते थे और अगले साल ही टीएमसी में शामिल हो गए थे। अब वह भाजपा में शामिल हो गए हैं। इससे पहले ममता सरकार के बड़े नेता सुवेंदु अधिकारी भाजपा में शामिल हो गए थे। उनके साथ टीएमसी के आधा दर्जन नेता टूटकर भाजपा में शामिल हो गये थे। अरिंदम भट्टाचार्य के भाजपा में शामिल होने के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ओजस्वी वक्ता और तेजस्वी नेता हैं जो तृणमूल कांग्रेस की अराजकता से तंग आकर भाजपा में शामिल हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंन कहा कि, मुझे बहुत खुशी हो रही है कि, अरिंदम भट्टाचार्य भाजपा में शामिल हो रहे हैं। बंगाल में इस समय सियासी घमासान मचा हुआ है। विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बंगाल में राजनैतिक हत्याएं भी हो रही हैं। ऐसे में भाजपा को ममता को घेरने का अच्छा खासा मौका मिल गया है। वहीं ममता के पार्टी के नेता लगातार टूटकर भाजपा में शामिल हो रहे हैं।

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आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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