बच्चों में कोविड के लक्षणों में तेज बुखार, उल्टी, मल शामिल हैं। इनमें से अधिकतर को घर पर ही देखभाल के जरिये कंट्रोल किया जा सकता है। दिल्ली में होम आइसोलेशन में रहने वाले सभी रोगियों में, लगभग 5% 18 वर्ष से कम उम्र के हैं।
कोरोना की तीसरी लहर में दिल्ली में बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। शहर में बच्चों के अस्पताल में एडमिट होने की रफ्तार में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, कोरोना से संक्रमित कुछ ही बच्चों को अस्पताल में एडमिट करने की जरूरत पड़ रही है। डॉक्टरों का कहना है कि पेरेंट्स को बच्चों में इस शुरुआती संकेतों से सजग होने की जरूरत है।

रेनबो हॉस्पिटल्स के चाइल्डकेयर से जुड़े चेन के वाइस प्रेसिडेंट दिनेश वशिष्ठ का भी कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि पूअर ओरल इनटेक और सुस्ती के कारण बच्चे एडमिट हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल सात बच्चों का इलाज अस्पताल के कोविड वार्ड में चल रहा है।

तेज बुखार, जुकाम, उल्टी हैं लक्षण
बच्चों में कोविड के लक्षणों में तेज बुखार, उल्टी, और मल शामिल हैं। इनमें से अधिकतर को घर पर ही देखभाल के जरिये कंट्रोल किया जा सकता है। दिल्ली सरकार के लिए कोविड रोगियों की होम आइसोलेटिंग निगरानी करने वाली कंपनी के सीओओ डॉ. गौरव ठुकराल ने कहा कि दिल्ली में होम आइसोलेशन में रहने वाले सभी रोगियों में, लगभग 5% 18 वर्ष से कम उम्र के थे। इस आयु वर्ग में अस्पताल में भर्ती होने की दर सभी पॉजिटिव केस के 1% से कम थी।

हल्के लक्षण- बुखार, गले में खड़ास, नाक से बहाव, खांसी
इलाज– होम आइसोलेशन, पैरासिटामोल 10mg प्रति डोज, इसे 4-6 घंटे में दोबारा दिया जा सकता है. पर्याप्त भोजन और पानी. नमक के साथ हल्के गर्म पानी से गलगला.
मध्यम लक्षण– तेज सांस लेना, ऑक्सीजन लेवल 90 से 94 फीसदी होना
इलाज– कोविड अस्पताल में भर्ती करवाएं.
वहीं गंभीर लक्षण जैसे सांस लेने में कठिनाई होने, चेहरा नीला पड़ने, छाती में दर्द होने की स्थिति पर तुरंत अस्पताल में भर्ती कराएं.

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