कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी आगामी सत्र से पहले विपक्षी दल के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक करेंगे। बैठक में सभी दलों के नेताओं के साथ मिलकर 29 जनवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र से पहले कृषि बिल के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन पर नई रणनीती बनाएंगे। कांग्रेस पार्टी जल्द ही समान विचारधारा वाले दलों के नेताओं के साथ एक औपचारिक या अनौपचारिक बैठक करेगी और आगामी रणनीति पर चर्चा करेंगे। कांग्रेस की चाहती है डीमके, टीमसी, और टीआरएस जैसे पार्टी को कांग्रेस के साथ जोड़ा जा सके और लोकसभा में पार्टी की स्थिति को मजबूत कर विपक्ष की आवाज को गोलबंद किया जा सके।

गौरतलब है कि मॉनसून सत्र के दौरान कांग्रेस के विरोध के बावजूद एनडीए के कृषि बिलों को रोकने में असफल रही थी। जहां संख्या बल के कारण लोकसभा में एनडीए आक्रामक रही तो वही कांग्रेस नरम दिखी। किसान आंदोलन के कारण कांग्रेस को उम्मीद है कि इस बार उन्हें क्षेत्रीय दलों का साथ जरूर मिलेगा।किसान आंदोलन को देखते हुए कांग्रेस थिंक टैंक को लगता है कि सत्र शुरू होने से पहले सभी विपक्षी दलों को साथ लाने पर जल्द से जल्द काम होना चाहिए। इस संदर्भ में पार्टी किसान आंदोलन पर बीस पेज की एक किताब के जरिये लोगों से संवाद करेगी। इस दौरान एनडीए को घेरने की कोशिश करेगी।

इस किताब के जरिये कांग्रेस जनता को बताएगी कि किस तरह मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों की आर में देश के किसानों के साथ धोखा कर रही है। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि सरकार ने जो बिल पेश किया है उसका हमने गहन अध्ययन किया है। अब हम जनता को बताएंगे कि कृषि बिल के आर में सरकार किसानों और खेत मजदूरों के साथ कैसे साजिस रच रहे हैं जाहिर है कि एनडीए सरकार गरीब मजदूर विरोधी हैं और समाज के कमजोर वर्गों के खिलाफ है। हम सदन में और सदन के बाहर लगातार इसका विरोध करते रहेंगे।

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