14 नवंबर को दीपावली के दिन रामनगरी अयोध्या एक बार फिर कुछ यूं जगमग होगी कि पूरा विश्व उसकी भव्यता देखेगा। अयोध्या के दीपोत्सव का नजारा इस बार बेहद खास होने जा रहा है। यूपी सरकार और अयोध्या प्रशासन दीपावली की तैयारियों में पहले से ही जुटा हुआ है। इस बार भी अयोध्या की त्रेतायुग वाली दीपावली दुनिया भर की सुर्खियों में होगी। क्योंकि इरादा एक बार फिर विश्व रिकॉर्ड कायम करने का है। दीपोत्सव पर रामनगरी अयोध्या 5 लाख 51 हजार दीपों से जगमगाएगी और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अयोध्या अपना नाम दर्ज कराएगा। इसके अलावा कई जगहों पर रामलीला का आयोजन और झांकियां आकर्षण का केंद्र होगी।

दीपोत्सव में दो झांकियां विशेष

योगी सरकार की ओर से हुई पहल के बाद अयोध्या की दीपावली देश नहीं, दुनिया में भी खास मानी जाती है। हर बार इस दीपावली में कुछ और शानदार आयोजन जोड़े जाते हैं। इस बार खास हैं- अयोध्या में दीपोत्सव के दौरान निकाली जाने वाली झांकियां। इन झांकियों के जरिये प्रभु राम के जीवन की कुछ अहम घटनाओं को दिखाया जाएगा। अयोध्या में 13 नवंबर को दीपोत्सव में दो झांकियां विशेष होंगी। इस बार उत्तर प्रदेश सरकार दो झांकियों को विशेष तौर पर दीपोत्सव में शामिल कर रही है। पहली झांकी मिशन शक्ति, नारी सम्मान, नारी स्वालंबन को लेकर है जिसमें अहिल्या उद्धार  की झांकी होगी और दूसरी झांकी हनुमान जी के लंका दहन कर अपराधियों भू माफियाओं के विरुद्ध अभियान का मैसेज दिए जाने वाली झांसी होगी।

दुल्हन की तरह सजेगी अयोध्या

इस दीपोत्सव में सबसे खास बात यह होगी कि, राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद अब भव्य दीपोत्सव रामलला की जन्मभूमि पर भी मनाया जाएगा। दिवाली के मौके पर रामलला के अस्थाई मंदिर में विशेष पूजा अर्चना होगी। इस बार भी राम की पैड़ी में नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है और इसके लिए पूरे अयोध्या में 5 लाख 51 हजार दीये जलाए जाएंगे। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 13 नवंबर को अयोध्या में मौजूद रहेंगे।

दीपोत्सव ने बदली कुम्हारों की जिंदगी

मुख्यमंत्री योगी के दीपोत्सव ने जहां एक तरफ अयोध्या की तस्वीर बदली है। तो वहीं दूसरी तरफ कुम्हारों के चेहरे पर भी मुस्कुराहट ला दी है। कुम्हारों का धंधा करीब-करीब बंद हो चुका था। जिसके चलते कुम्हार मुफलिसी की जिंदगी जीने को मजबूर थे। लेकिन इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब अयोध्या के दीपोत्सव की शुरुआत की तो इससे कुम्हारों के चेहरे पर दोहरी खुशी झलकने लगी। पहली खुशी दीये बनाने का रोजगार मिला तो वहीं दूसरी खुशी रामकाज में शामिल होने की। वहीं दूसरी तरफ कोरोना कॉल को देखते हुए इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि, दीपोत्सव स्थल पर कोरोना प्रोटोकॉल का भी पालन किया जाए। इसके लिए जिला प्रशासन इस तैयारी में जुट गया है। कोरोना महामारी के चलते इस बार दीपोत्सव में आम लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। सरयू आरती में सिर्फ 30 लोग शामिल होंगे। जबकि राम राज्याभिषेक में 200 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई है।

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