कुकर्म करने के मामले में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि बच्चे से कुकर्म करने वाले खुद बच्चा होने की दलील देकर रहम की मांग नहीं कर सकते।
दरअसल आज आठ साल के मासूम से कूकर्म करने के दोषियों की सजा के खिलाफ अपील को पंजाब हरियाणा कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया है। इस दौरान दोषियो ने कहा कि वो छोटे बच्चे हैं ऐसे मे उनके प्रति सहानुभूति दिखाई जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि इस दलील से रहम की उम्मीद ना रखें, क्यों कि यदि रहम कर दिया गया तो पॉक्सो एक्ट अर्थहीन हो जाएगा।
ये पूरा मामला सोनीपत का है जहां पर आठ साल के मासूम बच्चे के पिता की शिकायत पर पुलिस ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कुकर्म और पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया था इस मामले में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने मार्च 2021 को तीनों याचिकाकर्ताओं को दोषी करार देकर सजा सुनाई थी।
इस सजा के खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील की गई, लेकिन सेशन कोर्ट ने भी अपील को खारिज कर दिया। इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने कहा है कि इस मामले में 8 साल के बच्चे से क्रूरता के साथ कुकर्म किया गया है। जिससे उसकी गरिमा का उल्लंघन हुआ है। तीनों याचिकार्कता उम्र में पीड़ित से काफी बड़े थे। ऐसे में वो चाह कर भी उनका विरोध नहीं कर पाए।
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