पंजाब: किसान संघ सूखे अनाज के कारण उपज के नुकसान की भरपाई के लिए गेहूं की फसल पर 500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस देने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा उनकी मांग है कि जोन सिस्टम को भंग किया जाए और 10 जून से धान की रोपाई की अनुमति दी जाए।

पंजाब में मोहाली-चंडीगढ़ बॉर्डर पर 23 किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे गए हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी गईं वे धरना बंद नहीं करेंगे। अन्य मांगों के अलावा किसान गेहूँ पर प्रति क्विटंल 500 रुपये के बोनस की मांग कर रहे हैं। किसानों के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट किया है।

सिद्धू ने राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है- “सीएम भगवंत मान जी, अपने आईटी सेल से कहें कि वे थोड़ी नरमी बरतें। वे किसानों को जितना नीचे दिखाएंगे या उनका अपमान करेंगे उतना ही अधिक आपकी साख को नुकसान होगा। एक सरल और लचीले राजनेता बनिए, ना की एक ज़िद्दी मुख्यमंत्री… किसानों को वार्ता के लिए आमंत्रित कीजिए और इस मसले को सुलझाइए।”

क्या है किसानों की मांग?
किसान संघ सूखे अनाज के कारण उपज के नुकसान की भरपाई के लिए गेहूं की फसल पर 500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस देने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा उनकी मांग है कि जोन सिस्टम को भंग किया जाए और 10 जून से धान की रोपाई की अनुमति दी जाए। किसानों की मांग है कि हॉर्स पावर की प्रत्येक यूनिट के लिए 4700 रुपये के वर्तमान लोड शुल्क में 1200 रुपये की कटौती की जाए और ओवरलोड फीडर सिस्टम को कम किया जाए। किसानों की 10 मई को बिजली मंत्री हरभजन सिंह के साथ एक बैठक हुई थी, जिसमें उन्होंने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया था।

अपने ट्वीट को आगे बढ़ाते हुए सिद्धू ने लिखा है कि आपसे निवेदन है कि आप किसानों के साथ टकराव की स्थिति पर ना बढ़ें। वे हमारी आबादी का 60% हिस्सा हैं और पंजाब की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उन्होंने लिखा है, “गेहूं पर बोनस को लेकर किसानों की मांग बिल्कुल जायज़ है। मैं तो शुरुआत से ही इस मुद्दे को उठा रहा हूं।”

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इस ट्वीट के साथ ही सिद्धू ने अपना एक पुराना वीडियो भी शेयर किया है। 17 मई को राज्य के मुख्यमंत्री के साथ बैठक रद्द होने के बाद नाराज़ किसान चंडीगढ़ जाकर प्रदर्शन करना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया। जिसके बाद किसानों ने रात मोहाली-चंडीगढ़ बॉर्डर पर ही गुज़ारी। किसान अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के साथ बैठक करना चाहते थे लेकिन भगवंत मान के दिल्ली चले जाने से यह बैठक रद्द हो गयी।

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