नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। इस बीच किसानों के द्वारा केंद्र सरकार से बातचीत के लिए मिले आमंत्रण को स्वीकार कर लिया गया है। किसान संगठनों ने तय किया है कि वो आज बैठक में हिस्सा लेंगे। केंद्र सरकार के द्वारा बातचीत के लिए बुलाए जाने के बाद सिंधु बॉर्डर पर 32 किसान संगठनों की एक अहम बैठक हुई, जिसमें सरकार के प्रस्ताव पर मंथन हुआ. इस बैठक में किसानों द्वारा सरकार के साथ वार्ता करने पर सहमति बनी।

किसानों के समर्थन में कनाडाई PM:
किसानों के आंदोलन को कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने चिंता जताई है। उन्होने कहा कि, “हालात चिंताजनक, शांतिपूर्ण प्रदर्शन के हक में उठाते रहेंगे आवाज” कनाडा के पीएम की इस प्रतिक्रिया से यह साफ हो जाता है कि किसान आंदोलन अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरने लगा है।

किसान आंदोलन को भीम आर्मी का समर्थन:
कृषि कानून के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन को चंद्रशेखर आजाद की भीम आर्मी ने अपना समर्थन दिया है। बकायदा भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने इस आंदोलन में हिस्सा लेकर अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई. गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के साथ भीम आर्मी के लोगों ने प्रदर्शन किया

सरकार से बातचीत करेंगे किसान:
आज सरकार के निमंत्रण पर किसान संगठनों की टिकरी बॉर्डर पर एक मत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में किसानों ने सरकार से बातचीत करने का फैसला लिया।पंजाब किसान यूनियन के प्रमुख रुलदू सिंह का कहना है कि वो लोग सरकार से बातचीत करेंगे। बता दें कि कुछ किसान संगठनों ने सरकार द्वारा चिन्हित संगठनों को बुलाने का विरोध किया जा रहा था.

किसानों के समर्थन में राहुल गांधी:
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसानों के समर्थन में ट्वीट कर कहा कि, “सैकड़ों अन्नदाता मैदानों में धरना दे रहे हैं और ‘झूठ’ टीवी पर भाषण! किसान की मेहनत का हम सब पर कर्ज है. ये कर्ज उन्हें न्याय और हक देकर ही उतरेगा, न कि उन्हें दुत्कार कर, लाठियां मारकर और आंसू गैस चलाकर. जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए”

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