लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनातनी लगातार जारी है। पूरी दुनिया की नजर इस समय लद्दाख और LAC पर है। इस बीच ट्विटर ने एक विवाद को जन्म दे दिया। Twitter ने भारत के नक्शे को गलत तरीके से दिखाया था। इस पर भारत सरकार ने आपत्ति जताई जिसके बाद ट्विटर की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। दरअसल, डाटा प्रोटेक्शन पर संयुक्त संसदीय समिति के सामने ट्विटर प्रतिनिधि पेश हुए। संयुक्त संसदीय समिति ने ट्विटर से भारत के नक्शे को गलत तरीके से दिखाने पर लिखित जबाव मांगा है। ट्विटर ने लद्दाख को जिओ टैगिंग में चीन का हिस्सा दिखाया था।

सात साल तक की सजा का प्रावधान

ट्विटर को अब लिखित जवाब देना है और बताना होगा कि कैसे उसने भारत के हिस्से लद्दाख को चीन का हिस्सा दिखाया है। ट्विटर की ओर से इस मामले में सगुप्ता कमरान, पल्लवी वालिया, मनविंदर बाली और आयुषी कपूर संसदीय समिति के सामने पेश हुई थीं। समिति ने कहा कि यह कानूनी रूप से आपराधिक मामला है। ये भारत की संप्रभुता और अखंडता का खुला उल्लंघन है और इसमें सात साल तक की सजा का प्रावधान है।

भारत ने जताई थी आपत्ती

केंद्र सरकार ने ट्विटर के सीईओ जैक डोरसी को चिट्ठी लिखी थी जिसमें ट्विटर द्वारा भारत के नक्शे को गलत तरीके से दिखने पर भारत सरकार की आपत्ति दर्ज कराई थी। सचिव अजय साहनी ने ट्विटर को स्पष्ट शब्दों में ये भी कहा है कि ट्विटर को भारत के लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। ट्विटर द्वारा भारत की सम्प्रभुता और अखंडता- जो नक्शे द्वारा भी परिलक्षित होती है, के साथ किया गया अपमान स्वीकार नहीं किया जाएगा और ये कानून का भी उल्लंघन होगा। अजय साहनी ने लिखा कि ऐसे कार्यों से न सिर्फ ट्विटर की साख गिरती है बल्कि ट्विटर की तटस्थता और निष्पक्षता पर भी सवाल उठते हैं। सोशल साइट को भारत के लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। भारत की संप्रभुता और अखंडता के साथ किया गया अपमान स्वीकार नहीं किया जाएगा।

क्या है पूरा मामला ?

गौरतलब है कि 18 अक्टूबर को ट्विटर ने अपने प्लेटफॉर्म पर लेह की जिओ-टैग लोकेशन को जम्मू कश्मीर-चीन में दिखाया था। इस पर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई। आईटी सचिव अजय साहनी ने ट्विटर को साफ किया है कि लेह, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का हिस्सा है और लद्दाख तथा जम्मू कश्मीर भारत के अभिन्न हिस्से हैं, जो भारत के संविधान द्वारा शासित है।

Share.
Exit mobile version