अहमदाबाद: गुजरात हाइकोर्ट ने एक अजीबोगरीब मामले में फैसला सुनाते हुए कोरोना संक्रमण से मृत अवस्था में पहुंच चुके पति के स्पर्म से एक महिला को मां बनने की इजाज़त दे दी। दरअसल महिला का पति मल्टीपल ऑर्गन फैलियर से जूझ रहा है। ख़बरों के मुताबिक महिला ने कोर्ट से अनुमति के लिए गुहार लगाई थी, जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने महिला की इक्षा पूरी करने का निर्देश दे दिया।

हालांकि कोर्ट की अनुमति महिला को मिल चुकी है, लेकिन इससे पहले वडोदरा के अस्पताल ने महिला के पति के होश में ना होने की वजह से उनके स्पर्म को लेकर महिला के गर्भवती होने की मांग से इंकार कर दिया था। उन्होंने गर्भवती होने की कानूनी अनुमति देने से इंकार कर दिया था।

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गुजरात हाइकोर्ट में महिला ने बताया था कि उसकी शादी पिछले साल अक्टूबर महीने में हुई थी, शादी के बाद वे दोनों विदेश चले गए। इसके बाद अगले साल उनके ससुर का हार्ट अटैक हुआ। इस दौरान उसके पति को कोरोना हो गया। उसके पति के कई अंग फिलहाल काम करना बंद कर चुके हैं।

दरअसल भारत में स्पर्म लेने से पहले संबंधित व्यक्ति की अनुमति लेना अनिवार्य है। इसके लिए ICMR ने अपनी गाइडलाइंस भी जारी की है। स्पर्म लेनदेन के लिए डॉक्टर अपनी मर्जी से कुछ नहीं कर सकते। हालांकि ब्रेन डेड होने की स्थिती में नियम साफ नहीं है।

साल 2018 में भी इस तरह का एक मामला सामने आया था, उसमे एक अभिभावक सड़क हादसे में घायल हो गए थे। उनके स्पर्म को उनका पुत्र संरक्षित रखना चाहता था। हालांकि नियम ना होने के कारण यह नही हो सका।

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