हाथरस केस को लेकर रोजाना नए-नए अपडेट सामने आ रहे हैं। आखिर हाथरस की बेटी का कातिल कौन है यह सवाल अभी भी बना हुआ है। जबसे मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है तभी से एक्शन जारी है। पीड़ित परिवार से पूछताछ के बाद आरोपियों के परिजनों से पूछताछ की गई। चश्मदीद के बयान भी CBI की टीम ले चुकी है। आज CBI की टीम ने जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ की साथ ही अलीगढ़ अस्पताल के डॉक्टरों से सवाल जवाब किए। इसी क्रम में जिस खेत में हाथरस की बेटी के साथ दरिंदगी हुई उसके मालिक ने मुआवजे की मांग की है। दरअसल, जिस खेत में वारदात हुई वहां मीडिया ने रिपोर्टिंग की, पुलिस ने तमाम चक्कर काटकर सबूत इकट्ठा किए, सीबीआई की टीम ने भी खेत को खंगाला। इस बीच किसी को इस बात का ख्याल शायद ही आया हो, कि ये खेत है किसका? खेत में खड़ी फसल लगी हुई थी। बाजरे के खेत में बालियां लगी हुई थीं, जिसे पानी की जरूरत थी। अब खेत के मालिक ने खुद सामने आकर अपना दुखड़ा रोया है। खेत के मालिक ने कहा कि, सारी फसल अब सिर्फ चारे के काम में ली जा सकती है। उन्होंने अपने नुकसान का आंकलन करते हुए कहा है कि यह करीब 50 से 60 हजार का नुकसान हुआ है। लेकिन हमें नहीं पता कि इसकी भरपाई कोई करेगा भी या नहीं।

कौन करेगा नुकसान की भरपाई ?

हाथरस कांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। पूरे मामले पर जमकर राजनीति हुई सरकार की जमकर किरकिरी हुई। पुलिस पर सवाल उठे, SIT के बाद जांच CBI को सौंपी गई। लेकिन इन सब के बीच जिस खेत में पूरा कांड हुआ वह अब मदद की गुहार लगा रहा है। जमीन मालिक का कहना है कि घटना के बाद से मेरे खेते को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। इसकी वजह से वह खेत में लगी फसल में सिंचाई नहीं कर पाया। इससे फसल की उपज प्रभावित हुई है। वहीं, अब सबूत मिटे नहीं, इसके लिए फसल को काटने भी नहीं दिया जा रहा। ऐसे में उसकी फसल बर्बाद हो गई। इसलिए जमीन मालिक ने मुआवजे की मांग की है। जानकारी के मुताबिक, जमीन मालिक पहले जयपुर में रहकर खेती करता था। लेकिन वह पिछले कुछ महीनों से गांव में आकर खेती कर रहा था। उसने कहा कि उसके पास 9 बीघा जमीन है। उसमें बाजरा बोया था। लेकिन घटना के बाद से पुलिस-प्रशासन ने खेतों में जाने से मना कर दिया। पुलिस का कहना है कि यदि खेत में सिंचाई और फसल की कटाई की गई तो सारे सबतू मिट जाएंगे। ऐसे में उसका 9 बीघे का फसल बर्बाद हो गई है।

मुआवजे का ऐलान, कब मिलेगी मदद ?

हालांकि, अधिकारियों ने फसल के नुकसान की भरपाई के लिए 50 हजार रुपए की मदद का भरोसा दिया है लेकिन  जमीन मालिक का कहना है कि आश्वासन दिया गया लेकिन अभी तक कुछ नहीं मिला है। किसान ने कहा कि उसके खेत से होने वाली आमदनी से पांच लोगों का परिवार खाता था। यदि हमे समय पर मुआवजा नहीं मिला तो आर्थिक तंगी सामने आ जाएगी। पेट भरना मुश्किल हो जाएगा। किसान का कहना है कि उसके ऊपर 1.6 लाख रुपये का कर्ज भी है। वहीं, हाथरस के एसपी विनीत जायसवाल ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि सबूत नष्ट करने के मद्देनजर किसान ने अपने खेत की कटाई नहीं की। हालांकि, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अपराध स्थल में कोई भी बदलाव सबूतों से छेड़खानी की श्रेणी में आता है।

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