हाथरस कांड का सच क्या है इसे खंगालने में CBI की टीम लगातार एक्शन में है। लेकिन इस घिनौनी वारदात का मुजरिम कौन है यह साफ नहीं हो पाया है। हर दिन नए नए चौंकाने वाले खुलासे सामने अा रहे हैं । कभी चश्मदीद तो कभी आरोपियों का पत्र तो कभी आरोपियों के परिवार का बयान। इन सबके बीच खुद को पूरे घटनाक्रम का चश्मदीद होने का दावा करने वाले छोटू को पीड़ित परिवार ने पहचानने से इनकार कर दिया है। शनिवार को CBI की टीम फिर बिटिया के गांव पहुंची। वहां CBI ने पहले कुछ देर के लिए घटनास्थल का निरीक्षण किया और उसके बाद बिटिया के परिवार वालों से साढ़े पांच घंटे तक पूछताछ की। बिटिया के गांव पहुंची CBI की टीम में इस मामले की जांच कर रहीं डिप्टी एसपी सीमा पाहुजा भी शामिल थीं। टीम ने सबसे पहले गांव के बाहर उस खेत को देखा, जहां घटना हुई थी। चंद मिनट वहां रुकने के बाद टीम बिटिया के घर पहुंच गई। टीम ने पहले तो घर में मौजूद सभी सदस्यों से बातचीत और पूछताछ की।

चश्मदीद को नहीं जानते परिजन

जिस छोटू को घटना का चश्मदीद गवाह बताया जा रहा है, उसको हाथरस की बेटी के परिजनों ने पहचानने से इनकार कर दिया है। पूछताछ के बाद जब CBI की टीम बिटिया घर से चली गई तो मृतका की भाभी का कहना था कि CBI की टीम उन्हें छोटू नाम के युवक का फोटो मोबाइल फोन पर दिखा रही थी, लेकिन वह इसे नहीं जानती। उसने यह बताया कि यह फोटो वह पहली बार देख रही हैं।

एक्शन में CBI की टीम

जब से हाथरस केस की जांच CBI को सौंपी गई है तभी से टीम एक्शन में है। लगातार पूछताछ और तलाशी के जरिए कातिलों तक पहुंचने की कोशिश में जुटी हुई है। शनिवार को भी CBI की टीम ने पीड़ित परिवार से बातचीत की। परिवार वालों की मानें तो सीबीआई ने उनसे बिटिया के व्यवहार के बारे में पूछा। उसकी भाभी से यह भी पूछा कि क्या वह अलग फोन इस्तेमाल करती हैं तो भाभी ने यही जवाब दिया कि उनके घर में एक ही फोन नंबर है, जोकि उनके पति पर रहता है। इसके अलावा सीबीआई ने घटना से संबंधित अन्य सवाल भी पूछे। बिटिया की मां से CBI ने काफी देर तक पूछताछ की। परिजनों ने बताया कि CBI की पूछताछ में उन्होंने कोई दबाव महसूस नहीं किया। इसके साथ ही CBI की टीम बिटिया के कुछ कपड़े भी साथ ले गई।

पीड़ित परिवार दिल्ली में चाहता है सुनवाई

CBI ने हाथरस में एक कैंप ऑफिस बनाया है। कृषि विभाग की संपत्ति में यह दफ्तर बनाया गया है। पीड़ित परिवार केस की सुनवाई दिल्ली में चाहता है। वह लोग भी दिल्ली में शिफ्ट होना चाहते हैं। पीड़िता के भाई ने कहा कि वह चाहते हैं कि परिवार जहां भी रहे, सुरक्षित रहे। वहीं AAP सांसद संजय सिंह ने शनिवार को कहा कि वह हाथरस पीड़िता के परिवार को दिल्ली में स्थित अपने आवास में रखने को तैयार हैं।

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