पिछले कई महीनों से महाराष्ट्र और प्रदेश कि सरकार विवादों में है। एक तरफ जहां अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामलें को लेकर सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए तो वहीं अभिनेत्री कंगना रनौत के ऑफिस पर बुलडोजर चलाए जाने को लेकर भी खुब बखेड़ा हुआ। आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में हमेशा राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार सवालों के घेरे में रही थी. इसी विवाद के बीच महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक पत्र राज्य के सीएम उद्धव ठाकरे को लिखा था। उस पत्र में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सवाल उठाते हुए कहा था कि ‘कि क्या वह सेक्युलर हो गये हैं’ इस पत्र के लिखे जाने के बाद खुब विवाद हुआ था।

गृहमंत्री ने कोश्यारी से किनारा किया:
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पत्र लिखने और विवादास्पद शब्दों का प्रयोग किए जाने को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि, “महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी अपने शब्दों का सही प्रकार से इस्तेमाल कर सकते थे और इस तरह के शब्दों का चयन करने से बच सकते थे।

राज्यपाल ने व्यंगात्मक पत्र लिखा था:
दरसल यह पत्र राज्यपाल ने कोरोना संकट के दौरान महाराष्ट्र में कई प्रकार की सेवाओं में छूट देने तथा मंदिर नही खोले जाने को लेकर लिखा था। उस पत्र में राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे को हिंदुत्व का समर्थक बताते हुए तंज कसा था। उन्होने अपने पत्र में लिखा कि, ”क्या मुख्यमंत्री को ‘पूजा के स्थानों के फिर से खोले जाने के कदम को स्थगित करने के लिए कोई दैवीय आदेश मिल रहा है’. या फिर वह स्वयं को ‘धर्मनिरपेक्ष’ बना चके हैं. एक शब्द जिससे वह(ठाकरे) नफरत किया करते थे”

गृह मंत्री ने क्या कहा:
एक निजी टीवी चैनल के द्वारा इंटरव्यू में जब अमित शाह से सवाल पूछा गया तो उन्होने कहा कि, ” उन्होने एक चलताऊ संदर्भ दिया है, मगर मुझे भी लगता है कि शब्दों का चयन उन्होने टाला होता तो ज्यादा अच्छा रहता. लेकिन इसके साथ ही मेरा यह भई मानना है कि वह(गवर्नर) उन विशेष शब्दों के चयन से बच सकते थे”.

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