यूपी के हाथरस में हुई लड़की के साथ दरिंदगी के मामले में जिला प्रशासन के कई अधिकारियों को प्रदेश सरकार ने निलंबित कर दिया है। वहीं इस घटना के बाद से हाथरस के डीएम IAS प्रवीन कुमार लक्षकार पर भी निशाना साधा जा रहा है। इसे लेकर जहां परिवार लगातार अपनी नाराजगी जता रहा है, तो वहीं, अब सियासी दल भी डीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। चाहे बसपा हो कांग्रेस हो या फिर समाजवादी पार्टी सभी एक सुर में डीएम को हटाने की मांग कर रहे हैं। हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार सवालों के घेरे में हैं उन पर तरह-तरह के आरोप लग रहें हैं। पीड़िता के परिवार ने उन पर धमकाने का आरोप लगाया। परिवार से बिना पूछे ही लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया गया। एसआईटी की शुरुआती जांच के बाद जिले के एसपी विक्रांत वीर समेत कई पुलिस अफ़सर सस्पेंड कर दिए गए। लेकिन डीएम पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि देश भर में जगह-जगह उनके ख़िलाफ़ प्रदर्शन हो रहा है। लड़की के परिवार ने प्रवीण कुमार पर बंधक बनाने का आरोप लगाया था। ये भी कहा गया कि उनके कहने पर ही मीडिया को परिवार के गांव से दूर रखा गया था।

DM के वायरस वीडियो पर बवाल

हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार का वीडियो पीड़ित परिवार को धमकाते हुए खूब वायरल हुआ। एसआईटी की शुरुआती रिपोर्ट के आधार पर एसपी पर तो कार्रवाई की गई लेकिन डीएम के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया। प्रवीण कुमार आज भी जिलाधिकारी के तौर पर हाथरस में ही तैनात हैं। इसे लेकर मायावती ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, साफ तौर पर लिखा कि जब तक डीएम कुर्सी पर तैनात रहेंगे, पीड़ित परिवार को कैसे न्याय मिल पाएगा। हाथरस की घटना को लेकर कांग्रेस अब डीएम के साथ-साथ यूपी के डीजीपी पर भी कार्रवाई की मांग कर रही है। वहीं, जबकि समाजवादी पार्टी का भी साफ तौर पर कहना है कि सरकार को डीएम और डीजीपी दोनों पर कार्रवाई करनी चाहिए। हाथरस की घटना को लेकर स्थानीय प्रशासन पर लगातार लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। एसपी पर कार्रवाई भी हो चुकी है, लेकिन डीएम पर कार्रवाई नहीं होने से अब प्रदेश के आईपीएस लॉबी भी काफी नाराज है।

DM पर हो सकती है कार्रवाई

लखनऊ से अब खबर आ रही है कि हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार का ट्रांसफ़र हो सकता है। लड़की की मौत के बाद तमाम पहलुओं की जांच के लिए योगी सरकार ने एक एसआईटी बना दी थी। राज्य के गृह सचिव भगवान स्वरूप को एसआईटी का हेड बनाया गया। उनकी ही शुरुआती जांच के बाद जिले के एसपी विक्रांत वीर सस्पेंड किए गए थे। जिसके बाद यूपी के कुछ आईपीएस अफ़सर नाराज़ हो गए थे। उनका कहना था कि जिस गलती के कारण एसपी पर कार्रवाई हुई तो डीएम पर क्यों नहीं? एसपी और डीएम ने तो फ़ैसले मिल कर किए थे। राज्य के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी और एडिशनल चीफ़ सेक्रेटरी अवनीश अवस्थी ने भी हाथरस का दौरा किया था। लड़की के घर वालों से मुलाक़ात की थी। उनसे बातचीत के आधार पर जो रिपोर्ट दी गई थी। उसी रिपोर्ट के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कार्रवाई की थी। एसआईटी के हवाले से नई जानकारी आ रही है। ये कहा जा रहा है कि डीएम प्रवीण कुमार लक्षकर को हटाने पर विचार चल रहा है। वे 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं जो राजस्थान के रहनेवाले हैं। वे क़रीब 17 महीनों से यहां के डीएम हैं।

Share.
Exit mobile version